बरेली: एएनएम ने बीपीएम पर अपात्रों को लाभ देने का लगाया आरोप

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

अमृत विचार, बरेली। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में एक बार फिर घोटाले के आरोप लगे हैं। नवाबगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) पर एएनएम ने मातृ वंदना योजना में फार्म का पंजीकरण कर अपात्रों काे लाभार्थी बनाकर लाखों का घोटाला करने का आरोप लगाया है। एएनएम से इसकी शिकायत सीएमओ …

अमृत विचार, बरेली। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में एक बार फिर घोटाले के आरोप लगे हैं। नवाबगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) पर एएनएम ने मातृ वंदना योजना में फार्म का पंजीकरण कर अपात्रों काे लाभार्थी बनाकर लाखों का घोटाला करने का आरोप लगाया है। एएनएम से इसकी शिकायत सीएमओ को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। सीएमओ ने मामला का संज्ञान लेते हुए जांच के लिए बोर्ड गठित कर दिया है।

सीएचसी नवाबगंज में कार्यरत एनएएम प्रेमवती ने 21 मई को सीएमओ को पत्र भेजकर बीपीएम सचिन कुमार पर मातृ वंदना योजना में अपात्रों को योजना का लाभ देने का आरोप लगाया था, मामले की संज्ञान लेते हुए सीएमओ डा. बलवीर सिंह ने जिला प्रशासनिक अधिकारी डा. राकेश और एसीएमओ डा. केसी जोशी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। शुक्रवार को बोर्ड ने बीपीएम को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया, लेकिन बीपीएम ने तर्क दिया कि नवाबगंज एमओआईसी के आदेश बाद ही बयान दिया जाएगा। वहीं बोर्ड पर एक अपूर्ण दस्तावेज के आधार पर जांच करने का आरोप लगाया गया है।

सारे आरोप निराधार
इस मामले में बीपीएम सचिन कुमार का कहना है कि जो भी आरोप लगाए गए हैं वह निराधार हैं। जो शिकायती पत्र दिया गया है इसमें जिन अपात्रों को लाभ दिया गया है इसकी सूची सलंग्न नहीं है। चिकित्सा प्रभारी के आदेश पर एएनएम समेत अन्य स्टाफ की ड्यूटी कोविड के चलते क्लस्टर में लगाई थी, इसके बाद उसने रंजिशन शिकायत की है। इससे पहले भी एएनएम की ओर से कई झूठी शिकायतें की गई हैं।

वहीं इस विषय में जिला प्रशासनिक अधिकारी डा. राकेश ने बताया कि शुक्रवार को बीपीएम को दस्तावेजों के साथ बुलाया गया था, कर्मचारियों की शिकायत पर जांच की जानी थी, लेकिन बीपीएम का तर्क है कि बयान दर्ज कराने संबंधी कोई आदेश मुझे नहीं मिला है।इससे पूर्व बिथरी चैनपुर में योजना के अंतर्गत अपात्रों को लाभ देने में सवा करोड़ घोटाला उजागर हुआ था, शिकायत के आधार पर की गई जांच में तत्कालीन एमओआईसी पर आरोप पुष्ट पाया गया था, जिसमें उनके वित्तीय अधिकार सीज कर दिए गए हैं।

डा. बलवीर सिंह, सीएमओ-
शिकायत का संज्ञान लेते हुए जांच टीम गठित कर दी गई है, सात दिन में जांच पूर्ण करने को कहा गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

ये भी पढ़ें- बरेली में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन, 202 जोड़ों ने लिए सात फेरे, 21 ने पढ़ा निकाह

संबंधित समाचार