प्रयागराज जामा मस्जिद के शाह की शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पिछले सप्ताह शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद उपजी हिंसा एवं उपद्रव को देखते हुए इस सप्ताह जुमे की नमाज को देखते हुए इस्लामिक धर्म गुरूओं, इमामों और मौलवियों ने स्थानीय लोगों से शांति व्यवस्था कायम रखने की अपील की है। सभी ने एक स्वर से शांति मार्ग …
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पिछले सप्ताह शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद उपजी हिंसा एवं उपद्रव को देखते हुए इस सप्ताह जुमे की नमाज को देखते हुए इस्लामिक धर्म गुरूओं, इमामों और मौलवियों ने स्थानीय लोगों से शांति व्यवस्था कायम रखने की अपील की है। सभी ने एक स्वर से शांति मार्ग को सही बताते हुए ईंट, पत्थर और हिंसा के मार्ग को गलते बताते हुए इसकी निंदा की है।
प्रयागराज स्थित जामा मस्जिद के शाह वसीउल्लाह ने शुक्रवार को अता की जाने वाली नमाज से पहले लोगों से शांति व्यवस्था कायम करने की अपील की है। उन्होने कहा कि लोगों को भविष्य में किसी भी तरह से उत्पन्न होने वाली साजिश अथवा झांसे में नहीं आना चाहिये। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून अपने हाथ में नही लें और प्रशासन का सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बहाल करना और शहर की आबो – हवा को बिगड़ने से बचाना, व्यापार और राेजगार पर ध्यान देना, हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर बच्चों के भविष्य की सुरक्षा के लिए घर के माता-पिता अभिभावकों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों पर कड़ी नजर रखें ताकि वे किसी भी तरह की अवैध या अनैतिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो।
उन्होने लोगों से अपील की है कि लोग किसी के भड़कावे में आकर अपने भविष्य को अपने ही हाथों बर्बाद नहीं करें। शिया धर्म गुरू मौलाना जरगाम हैदर ने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की है कि तहजीब और आपसी भाईचारे के शहर प्रयागराज की आबो हवा को आलूदगी और शरपसन्दो से बचाने के लिए सभी का नैतिक कर्तव्य है कि प्रयाग की संसकृति, सद्भाव और प्रेम के वातावरण को प्रदूषित न होने दें।
उन्होने कहा कि जुमा जैसे इबादत के पाक दिन कलंकित होने से बचें। शाह ने कहा कि पिछले जुमे पर जो हुआ उसकी पुर्नरावृत्ति नहीं हो। अपनी अपनी मस्जिदोंं में नमाज अता करने के बाद अपने घर का रूख करें। अपने बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए अपने कारोबार पर जाएं। उपद्रवियों के चककर में पड़कर शहर का माहौल खराब नहीं करते हुए मुकामी प्रशासन का सहयोग करें। शहर को दोबारा आलूदगी में झोंकने का प्रयास कतई नहीं करें। शांति और सौहार्द का वातावरण कायम करें। किसी के बहकावे में नहीं आएं।
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