पीलीभीत: पुलिस बोली- हमने नहीं ले रखा रुपये दिलाने का ठेका
पीलीभीत, अमृत विचार। नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले जालसाज पर पीलीभीत पुलिस मेहरबान है। दो माह में पीड़ित ने चार बार राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार और एक बार एसपी दिनेश कुमार को दुखड़ा सुनाया, लेकिन कोतवाली पुलिस ने सुध नहीं ली। उसे टरका दिया। अपशब्द कहते हुए कहा कि पुलिस ने रुपये दिलाने …
पीलीभीत, अमृत विचार। नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले जालसाज पर पीलीभीत पुलिस मेहरबान है। दो माह में पीड़ित ने चार बार राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार और एक बार एसपी दिनेश कुमार को दुखड़ा सुनाया, लेकिन कोतवाली पुलिस ने सुध नहीं ली। उसे टरका दिया। अपशब्द कहते हुए कहा कि पुलिस ने रुपये दिलाने का ठेका नहीं ले रखा, कहीं भी चली जाओ। ऐसे में अब पीड़ित दरबदर की ठोकरें खाने को मजबूर है। कोई मदद नहीं हो पा रही है।
शहर के मोहल्ला बाग गुलशेर खां की रहने वाली आशा रस्तोगी ने बताया कि उनके पति अनूप की मौत हो चुकी है। एकता नगर के निवासी एक व्यक्ति का उनके यहां आना जाना था। उसने झांसा दिया कि वह उनके बेटे आदित्य की जल निगम में नौकरी लगवा देगा। कई अफसरों से पकड़ बताई। जिसके बाद उन्होंने बेटे की नौकरी लगने के लालच में दो बार में नगद डेढ़ लाख रुपये आरोपी को दे दिए। इसके बाद जालसाज उन्हें टरकाता रहा।
मगर, बेटे की कोई भी नौकरी नहीं लगी। वह लगातार आरोपी के घर के चक्कर लगाती रही। दिए गए रुपये वापस करने का दबाव बनाया तो उसने सादे कागज पर जल्द रुपये लौटने की बात लिखकर भी दे दी, लेकिन रुपये नहीं लौटाए। उल्टा धमकियां देना शुरू कर दिया। मां- बेटे को जान से मारने की धमकी दी गई। इसकी चार बार राज्यमंत्री और एक बार एसपी के समक्ष पेश होकर शिकायत की गई।
उन्हें कोतवाली बुलाया गया, लेकिन पहले जांच के नाम पर चक्कर लगवाए और फिर कार्रवाई से ही इनकार कर दिया। अपशब्द कहकर भगा दिया। दो माह से सिर्फ चक्कर ही नसीब हो सके हैं। पीड़िता ने मामले में एक बार फिर अफसरों को दुखड़ा सुनाया है। ऐसे में योगी सरकार के महिला फरियादियों को तत्काल न्याय दिलाने के आदेशों को भी पुलिस ने पलीता लगा दिया है।
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