हरदोई : बाबू पर बहू-बेटे और बेटी को फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी दिलाने का आरोप

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हरदोई, अमृत विचार। सीएमओ दफ्तर दिन-ब-दिन सुर्खियां बटोरता जा रहा है। कभी शासनादेश,तो कभी खुद के आदेश से मनमानी करने वाले बाबुओं ने किरकिरी के झंडे गाड़ दिए हैं। एक चिट्ठी ने दिव्यांग पटल देखने वाले शातिर बाबू का सारा चिट्ठा खोल कर रख दिया है। कलम का कमाल दिखाने वाले इस बाबू ने जो …

हरदोई, अमृत विचार। सीएमओ दफ्तर दिन-ब-दिन सुर्खियां बटोरता जा रहा है। कभी शासनादेश,तो कभी खुद के आदेश से मनमानी करने वाले बाबुओं ने किरकिरी के झंडे गाड़ दिए हैं। एक चिट्ठी ने दिव्यांग पटल देखने वाले शातिर बाबू का सारा चिट्ठा खोल कर रख दिया है। कलम का कमाल दिखाने वाले इस बाबू ने जो किया, उसे सुनने वाला हर कोई चौंक जाएगा। उसने अपनी कलम का बेजा इस्तेमाल करते हुए अपने बहू-बेटे और बेटी को दिव्यांग साबित किया और सांठ-गांठ करते हुए उन्हें सरकारी नौकरी भी दिला दी। एक शिकायत ने सारी सच्चाई बे-पर्दा कर दी।

जानकारी के अनुसार सीएमओ दफ्तर में दिव्यांग पटल देखने वाले सुरेन्द्र यादव 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो चुके है। शहर के मोहल्ला सुभाष नगर के अतुल कुमार सिंह पुत्र नरेन्द्र सिंह ने की शिकायत में साफ तौर पर कहा है कि सुरेन्द्र यादव ने दिव्यांग पटल के बाबू रहते हुए पहले तो अपने बेटे अमन यादव का दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी करा दिया। इतना ही नहीं जुगाड़ से अमन को एक्स-रे टेक्नीशियन की नौकरी भी दिला दी।

इसके बाद बहू को भी दिव्यांग साबित करते हुए उसे भी स्वास्थ्य महकमें में भिड़ा दिया। उसकी बहू की कन्नौज में तैनाती बताई जा रही है। इतना सब कुछ करने के बाद भी बाबू जी की नियत नहीं बदली,उसने अपनी बेटी का भी दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवा कर उसे बेसिक शिक्षा में नौकरी दिला दी।

अतुल कुमार सिंह का कहना है कि सुरेन्द्र यादव ने दिव्यांग प्रमाणपत्रों के सत्यापन में दोनों हाथों से पैसा बटोरा। अपने आगे किसी की भी नहीं चलने दी। अतुल का यहां तक कहना है कि इसी तरह से सुरेन्द्र ने काफी रकम इकट्ठा कर रखी है। उसने अपनी शिकायत में सुरेन्द्र यादव की जांच कराने की मांग की है।

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