इस्कॉन संस्थापकाचार्य श्रील प्रभुपाद का मनाया गया आविर्भाव दिवस
मुरादाबाद। शनिवार को आशियाना स्थित इस्कॉन केंद्र पर संस्था के संस्थापकाचार्य कृष्ण कृपा मूर्ति एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद का आविर्भाव दिवस मनाया गया। श्रील प्रभुपाद जी आज ही की तिथि पर वर्ष 1896 में कोलकाता में जन्मे थे। श्रील प्रभुपाद ने अपने गुरु श्रील भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी महाराज से प्रथम भेंट 1922 में की …
मुरादाबाद। शनिवार को आशियाना स्थित इस्कॉन केंद्र पर संस्था के संस्थापकाचार्य कृष्ण कृपा मूर्ति एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद का आविर्भाव दिवस मनाया गया। श्रील प्रभुपाद जी आज ही की तिथि पर वर्ष 1896 में कोलकाता में जन्मे थे। श्रील प्रभुपाद ने अपने गुरु श्रील भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी महाराज से प्रथम भेंट 1922 में की तथा वर्ष 1933 में उनसे विधिवत आध्यात्मिक दीक्षा ग्रहण करके उनके शिष्य बन गए।
1933 से लेकर 1965 तक भारत में आध्यात्मिक प्रचार किया तथा वर्ष 1965 में अपने गुरु महाराज के आदेश के पालन के लिए अमेरिका चले गए। अमेरिका में वर्ष 1966 में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ इस्कॉन संस्था बनाई। इस अवसर पर इस्कॉन केंद्र पर श्रील प्रभुपाद जी का अभिषेक किया गया। श्रील प्रभुपाद जी को 56 भोग लगाए गए। भक्तों ने हरिनाम संकीर्तन किया। केंद्र प्रबंधक उज्जवल सुंदर दास ने प्रवचन किया।
भक्ति वेदांत प्रभुपाद ने पूरे विश्व में 108 मंदिर और आज तक 750 सेंटर चल रहे है। सनानत धर्म का प्रचार, वेदिक संस्कृति का ज्ञान उनकी पुस्तकों का साहित्य लोगों को बाटकर बताया। भक्तों ने श्रील प्रभुपाद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनका गुणगान किया।
इस अवसर पर उपस्थित सभी भक्तों को कृष्ण प्रसाद भोजन वितरण किया। प्रमुख रूप से सेवा में समर्पित गौर दास, अनीकुल हे ग्रीव दास, सरन प्रिय दास, सची नंदन दास, राधिका माधव दास, राधा कांत, गिरधारीदास मीडिया प्रभारी, विद्वान गौरांग दास, मोहित अग्रवाल, अभीषेक यादव, शिवकुमार प्रजापति आदि भक्त शामिल रहे।
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