लखनऊ : हमेशा करनी चाहिए कच्ची मिट्टी से बने लक्ष्मी-गणेश की पूजा, जानें क्या है इसका महत्त्व
लखनऊ, अमृत विचार । राजधानी के प्रेस क्लब में आज पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। लोक भारती की तरफ से आयोजित इस प्रेसवार्ता में मोनिका भौनवाल ने मिट्टी के गणेश व लक्ष्मी की मूर्ति का पूजा में प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इससे मूर्ति के विसर्जन में …
लखनऊ, अमृत विचार । राजधानी के प्रेस क्लब में आज पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। लोक भारती की तरफ से आयोजित इस प्रेसवार्ता में मोनिका भौनवाल ने मिट्टी के गणेश व लक्ष्मी की मूर्ति का पूजा में प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इससे मूर्ति के विसर्जन में कोई दिक्कत नहीं आयेगी,साथ ही जल भी दूषित नहीं होगा।
दरअसल,वर्तमान में मोनिका भौनवाल पर्यावरण के क्षेत्रों में कार्य कर रही है आज उन्होंने बताया कि दीपावली के अवसर पर उन्हें यह देखकर बहुत दुख होता था कि पूजा के पश्चात् लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों को इधर-उधर फेक दिया जाता है अथवा उन्हें नदियों में प्रावहित कर दिया जाता है। इससे एक ओर जहाँ पूज्य देवी-देवताओं का अपमान होता था वही दूसरी ओर नदियों में प्रदूषण की समस्या उत्पन हो रही थी।
इनसे बचने के लिये तथा पर्यावरण को संरक्षित रखने के उद्देश्य से इन्होंने कच्ची मिट्टी के लक्ष्मी-गणेश तथा दीये बनवाकर जन सामान्य के समक्ष प्रस्तुत किये कच्ची मिट्टी की उन मूर्तियों को 1 घर मे ही एक बाल्टी पानी में रखकर विसर्जित किया जा सकता है। इस प्रकार का विसर्जन सम्मान जनक है तथा नदियों को भी प्रदूषित होने से बचाता है।
मोनिका मौनवाल ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण पक्ष रसोई घर के कचरे का समूचित प्रबंधन है । प्रायः हम देखते हैं कि रसोई घर के कचरे को सड़क अथवा गलियों में इधर-उधर फेक दिया जाता है इससे गन्दगी पैदा होती है जो हमारे स्वास्थ्य को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है क्योंकि मक्खी, मच्छर, बैक्टीरिया वायरस आदि इसी गन्दगी से पनपते है और
हमे बीमार करते है अतः आवश्यकता इस बात की है कि इस कच्चरे का समुचित निस्तारण किया जाये। लोकभारती के सहयोग से इस कचरे के निस्तारण के लिए एक बहुत ही सरल विधि बनाई गई है इसके लिए एक कचरा निस्तारण पात्र विकसित किया गया है। रसोई घर के कचरे को इस पात्र मे डाला जाता है तथा प्रारम्भ में एक छोटी सी मात्रा में एक रसायन डाला जाता है इसके प्रभाव से यह कचरा तरल खाद में परिवर्तित हो जाता है जिसे घर के गमले में प्रयोग में लाया जा सकता है। इससे न तो कोई दुर्गन्ध पैदा होती है और घर में पूर्ण सफाई बनी रहती है।
कचरा निस्तारण पात्र और विधि को जन सामान्य तक पहुँचाने के उद्देश्य से मोनिका भौनवाल शहर के प्रत्येक नगर-निगम वार्ड में कार्यक्रम करके कचरा निस्तारण पात्रों का निःशुल्क वितरण कर रही है।
इस अवसर पर अनिल सिंह संयोजक, लोक अधिकार मंच भी उपस्थित रहे उन्होंने मौनवाल के प्रयासों की सराहना की तथा उनके इन कार्यों में लोक अधिकार मंच की ओर से पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन भी दिया।
यह भी पढ़ें –बरेली: सिद्धार्थ नेगी ने कानपुर में छोड़ी छाप, शास्त्री गायन में पाया पहला स्थान
