कौन होगा यूपी का अगला स्थायी डीजीपी? योगी सरकार ने UPSC को भेजी IPS अधिकारियों की सूची

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लखनऊ। राज्य सरकार ने उप्र. में स्थायी डीजीपी की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को भेज दिया है। आयोग सूची में शामिल आइपीएस अधिकारियों के सेवा अभिलेखों का परीक्षण कर वरिष्ठता क्रम के आधार पर तीन अधिकारियों के नामों का पैनल राज्य सरकार को भेजेगा। इसके बाद राज्य में स्थायी डीजीपी की …

लखनऊ। राज्य सरकार ने उप्र. में स्थायी डीजीपी की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को भेज दिया है। आयोग सूची में शामिल आइपीएस अधिकारियों के सेवा अभिलेखों का परीक्षण कर वरिष्ठता क्रम के आधार पर तीन अधिकारियों के नामों का पैनल राज्य सरकार को भेजेगा।

इसके बाद राज्य में स्थायी डीजीपी की नियुक्ति होगी। परीक्षण में यह भी देखा जाएगा कि राज्य सरकार ने किसी अधिकारी के विरुद्ध कोई गोपनीय जांच अथवा कार्रवाई तो अमल में नहीं लाई है। मालूम हो कि पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल को पद से हटाए जाने के बाद डीजी इंटेलीजेंस डा. डीएस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था।

भेजे गए पैनल में वर्ष 1992 बैच तक के सभी आईपीएस अफसरों के नाम शामिल है। यह पद साढ़े तीन महीने से खाली है। 11 मई को मुकुल गोयल को इस पद से हटाया गया था। वरिष्ठता के क्रम में मुकुल गोयल के बाद डीजी प्रशिक्षण आरपी सिंह और डीजी कोऑपरेटिव सेल जीएल मीना का नाम दूसरे व तीसरे नंबर पर है। हालांकि आरपी सिंह व जीएल मीना अगले वर्ष फरवरी व जनवरी में रिटायर हो जाएंगे।

वरिष्ठता सूची में मीना के बाद डा. राज कुमार विश्वकर्मा का नाम है और फिर मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी देवेन्द्र सिंह चौहान का नाम है। डीएस चौहान 1988 बैच के आईपीएस हैं। वरिष्ठता सूची में इसके बाद अनिल अग्रवाल, आनंद कुमार, विजय कुमार, सफी अहसान रिजवी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्र, चंद्र प्रकाश-1, पीवी रामाशास्त्री, संदीप सालुंके, दलजीत सिंह चौधरी, रेनुका मिश्र, बिजय कु मौर्या, सत्य नारायण सबत, अविनाश चन्द्र, डा संजय एम तराडे डीजी हैं।

वहीं इसके बाद एडीजी स्तर के एमके बशाल, तनूजा श्रीवास्तव, सतीश कुमार माथुर, अंजू गुप्ता, सुभाष चंद्र, प्रशांत कुमार, तिल्लोतमा वर्मा, राजीव रंजन वर्मा, आलोक शर्मा, भगीरथ पी जोगदण्ड, पीयूष आनंद, बृज भूषण, राजीव कृष्णा, अभय कुमार प्रसाद, दवा शेरपा, प्रेम चंद मीना, दीपेश जुनेजा, आशुतोष पाण्डेय, अजय आनंद, जसवीर सिंह, आनंद स्वरूप, नीरा रावत के नाम भी भेजे गए हैं।

कौन बनता है डीजीपी
डीजीपी बनने के लिए किसी आईपीएस अफसर को 30 साल की सेवा अवधि पूरी करना जरूरी है। संघलोक सेवा आयोग वरिष्ठता और अधिकारी के कार्यकाल के रिकॉर्ड की जांच कर पहले तीन नाम का चयन कर राज्य सरकार को भेज देता है। सरकार उनमें से किसी एक नाम का चयन कर लेती है।

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