आरक्षण पर संजय निषाद का बड़ा बयान, बोले-17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने को लेकर भेजा जायेगा प्रस्ताव

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लखनऊ, अमृत विचार । बीते कई दिनों से 17 जातियों के आरक्षण के मुद्दे पर भ्रांतियां फैलाने का काम किया जा रहा है और यह काम विपक्षियों द्वारा किया जा रहा है। यह कहना है उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री व निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संजय कुमार निषाद का। उन्होंने यह बात आज अपने …

लखनऊ, अमृत विचार । बीते कई दिनों से 17 जातियों के आरक्षण के मुद्दे पर भ्रांतियां फैलाने का काम किया जा रहा है और यह काम विपक्षियों द्वारा किया जा रहा है। यह कहना है उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री व निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संजय कुमार निषाद का।

उन्होंने यह बात आज अपने राजधानी स्थित सरकारी आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुये कही। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रांति फैलाने का काम कर कर रहे हैं।

जबकि निषाद, केवट,मल्लाह,बिंद,कहार,कश्यप,धीमर,रैकवार,तुरैहा,बाथम,भर,राजभर,धीवर,प्रजापति,कुम्हार,मांझी,महुआ पर्यायवाची जातियां हैं। इन जातियों को पिछड़ी से निकालकर अनुसूचित में शामिल कराने को लेकर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी को लेकर बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर पूरी बात बताई गयी है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश का समाज कल्याण मंत्रालय और निषाद पार्टी एक ड्राफ्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजेगी।
मंत्री डॉ.संजय कुमार निषाद ने कहा कि हमारा मामला परिभाषित करने का है। लेकिन पूर्व की सरकारों ने मामले को उलझाने के लिए इन जातियों को परिभाषित करने की बजाय अलग से शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास अधिकार ही नहीं है किसी भी जाति को पिछड़ी से निकालकर अनुसूचित में डाल सके। लेकिन फिर भी साल 2005 में मुलायम सिंह यादव ने और साल 2016 में अखिलेश यादव ने आरक्षण की अधिसूचना जारी की,इसके माध्यम से समाजवादी पार्टी ने निषाद समाज को अंधेरे में रखने का काम किया।

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