चाइनीज मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी कानपुर कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच, अभियुक्तों ने बना रखी थी फर्जी वेबसाइट

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कानपुर। भारतीय सीमा में लगातार घुसपैठ की फिराक में रहने वाला चाइना अब साइबर फ्राड करके भारतीयों को आर्थि‍क रूप से नुकसान पहुंचाने की जुगत में है। पुलिस कमिश्नरेट कानपुर नगर की क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर चाइनीज शातिरों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। क्राइम ब्रांच ने तीन अभियुक्तों को दबोच लिया …

कानपुर। भारतीय सीमा में लगातार घुसपैठ की फिराक में रहने वाला चाइना अब साइबर फ्राड करके भारतीयों को आर्थि‍क रूप से नुकसान पहुंचाने की जुगत में है। पुलिस कमिश्नरेट कानपुर नगर की क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर चाइनीज शातिरों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। क्राइम ब्रांच ने तीन अभियुक्तों को दबोच लिया है। साथ ही चाइनीज मास्टर माइंड की तलाश में टीम जुटी हुई है। जल्द ही वह शातिर भी क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ जाएंगे।

इस प्रकार शिकार बना रहे शातिर

चाइना में बैठे मास्टर माइंड भारतीय नागरिकों को ठगने के लिये तीन तरह के पैतरे इस्तेमाल कर रहे हैं। पहला पैतरा यह कि लोगों को कमोडिटी एक्सचेंज और क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर इंवेस्ट करने के लिये फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से लिंक भेजते हैं और इसके बाद जब कोई व्यक्ति अच्छी खासी रकम इंवेस्ट कर देता है तो शातिर अभियुक्त वेबसाइट को क्रैश कर देते हैं।

दूसरे पैतरे में शातिर लोगों को गेम खिलाने के नाम पर लिंक भेजते हैं और उसकी सारी जानकारी जुटाने के बाद अच्छी खासी रकम ठगने के बाद वेबसाइट को क्रैश कर देते हैं, तब तक लिंक पर क्लिक करने वाला अच्छा खासा नुकसान उठा चुका होता है।

तीसरे पैतरे में शातिर लोन दिलाने या लाटरी के नाम पर लोगों को वेबसाइट के माध्यम से लिंक भेजते हैं और कम कागजी औपचारिकता देख लोग जल्द ही झांसे में आ जाते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई इन शातिरों को सौंप बैठते हैं।

इस पूरे फ्राड को करने के लिये शातिरों ने फर्जी कंपनी बनाकर करंट एकाउंट खुलवाए थे। चाइनीज शातिर भारतीय जाब वेबसाइटों पर जाकर आवेदन करने वाले युवाओं की तलाश करके उन्हें इन्हीं फर्जी कंपनी का डायरेक्टर और उच्च पद का आफर देकर झांसे में लेते थे।

ऐसे पकडा गया मामला

घटनाक्रम के मुताबिक बीती 12 जून को एम्पोरियम स्टेट सिविल लाइंस कानपुर नगर में रहने वाले फैजउर रहमान ने थाना कोतवाली पुलिस को अपने साथ हुई ठगी के बारे में बताया। फैजउर रहमान ने बताया कि उनहोंने 30 अप्रैल से शेयर ट्रेडिंग का काम शुरू किया था। जिसके लिये www.idex-online.com में पैसा इंवेस्ट करना शुरू किया।

शुरूआत में वेबसाइट ने अच्छा पैसा रिटर्न किया। इससे उनके मन में विश्वास आ गया और उन्होंने एक साथ 11 लाख रुपये लगा दिये। लेकिन 11 लाख लगाने के बाद वेबसाइट कुछ दिन बाद 30 मई को क्रैश हो गई। थाना कोतवाली पुलिस ने मामला पंजीकृत करके क्राइम ब्रांच को भेज दिया।

ठगी का एक नया अंदाज

ठगी का एक नया अंदाज जब क्राइम ब्रांच के सामने आया तो पुलिस ने एक-एक तार जोड़कर पूरे नेटवर्क को धर दबोचा। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने मामले का जल्द से जल्द खुलासा करने के लिये अपनी टीमें लगा दीं। टीमों ने काम करना शुरू किया तो एक-एक तार जुड़ना शरू हो गया। टीम ने ठगी गिरोह के चार सदस्यों को आगरा से पकड़ लिया। 18 जुलाई को पकड़े गये अभियुक्तों की पहचान विकास और विक्रम सिंह पुत्र महावीर सिंह दोनों सगे भाई हैं।

विकास सिंह पुत्र दीवान सिंह। नितिन सोनी पुत्र पवन सोनी। राहुल नागर पुत्र राजकुमार नागर। सभी अभियुक्त आगरा के रहने वाले हैं। इसमें नितिन सोनी के पिता सराफा व्यवसायी हैं, बाकी अभियुक्त छोटी-मोटी प्राइवेट नौकरी करते हैं। इसमें राहुल नागर फर्जी पतों पर सिम का प्रबंध करता है, जिस खाते में पैसे ट्रांसफर हुए वह नितिन सोनी का है। सभी अभियुक्तों की उम्र 25-30 साल के बीच है।

अब तक की पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि बीते सात-आठ माह से वह ठगी का धंधा कर रहे हैं। अब तक करीब 50 लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं। नितिन सोनी के खाते से अब तक साढ़े पांच करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हो चुका है।

कानपुर सेंट्रल आए थे शातिर

18 जुलाई को मिली सफलता के बाद क्राइम ब्रांच ने जब जांच आगे बढ़ाई तो चाइनीज शातिरों की हरकत के बारे में पता चला। यह निकलकर आया कि चाइना में बैठे शातिर भारतीयों को आगे करके वेबसाइट के माध्यम से ठगी का धंधा कर रहे हैं। शुक्रवार को पकड़े गये अभियुक्त कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर मिलने के लिये आए थे। वहां से तीनों को एटीएम और करंट खातों का प्रबंध करना था और आगे की प्लानिंग बनानी थी।

पकड़े गये अभियुक्तों की पहचान 1.यश यादव पुत्र महेश यादव निवासी वार्ड नंबर 6 शिव कालोनी हेली मंडी गुड़गांव हरियाणा 2.श्रवण यादव पुत्र उदयभान निवासी 131 भवानीगंज जनपद सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश 3.अनुपम द्विवेदी पुत्र प्रेमचंद्र द्विवेदी निवासी अतरा रोड नेतानगर नगर आंशिक निकट पावर हाउस बबेरू देहात थाना बबेरू जिला बांदा उत्तर प्रदेश के रूप में हुई।

क्राइम ब्रांच चाइनीज मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी है। यश और श्रवण के नाम पर कई फर्जी कंपनी बनी हैं। श्रवण के खाते में पैसा आता था और वह उसे यूएस डालर में बदलकर चाइनीज हैंडलर के बताए गये खातों में ट्रांसफर करता था। यश खाते और एटीएम का इंतजाम करता था। अनुपम ओटीपी और ठगी के लिये इस्तेमाल होने वाले सामान के कोरियर का काम करता था। अनुपम ने अपने छह से सात रिश्तेदारों को कंपनी का डायरेक्टर बना रखा था।

मैसेज फारवडिग एप का भी हो रहा था इश्तेमाल

ठगी के इस पूरे धंधे में मैसेज फारवडिग एप का इश्तेमाल हो रहा था। एप के माध्यम से बैंको द्वारा जो भी लेनदेन के संबध में मैसेज होते थे उन्हें इस एप के माध्यम से चाइनीज हैंडलरों को भेजा जा रहा था। कुछ माह पहले यूपी एटीएस ने पांच चाइनीज अभियुक्तों को पकड़ा था जिनके पास से काफी संख्या में सिम बरामद हुए थे। क्राइम ब्रांच की टीम अब उन अभियुक्तों और उस केस से जुडे तथ्यों को भी तलाशने की जुगत में हैं ताकि अन्य सदस्यों को भी पकड़ा जा सके।

गिरफ्तार करने वाली टीम में इंस्पेक्टर सचिद्दानंद कोतवाली, सब इंस्पेक्टर पुनीत तोमर क्राइम ब्रांच, कांस्टेबल जितेंद्र गर्ग क्राइम ब्रांच, कांस्टेबल धमेंद्र प्रताप क्राइम ब्रांच, कांस्टेबल मोहित चौधरी क्राइम ब्रांच, कांस्टेबल प्रवीन कुमार शामिल रहे।

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