किच्छा: शोषण और उत्पीड़न के विरोध में इंटरार्क यूनियन के 400 दिन पूरे होने पर समाजसेवी सुब्रत विश्वास करेंगे भूख हड़ताल
किच्छा, अमृत विचार। इंटरार्क मजदूर संगठन के मजदूरों पर कंपनी प्रबंधक द्वारा किये जा रहे शोषण और उत्पीड़न के विरोध में चल रहे आंदोलन के 400 दिन पूरे होने पर समाजसेवी सुब्रत विश्वास 18 सितंबर को मजदूरों संग भूख हड़ताल करेंगे। पूर्व सूचना आज ज्ञापन के माध्यम से एसडीएम को दी गई। इंटरार्क मजदूर संगठन …
किच्छा, अमृत विचार। इंटरार्क मजदूर संगठन के मजदूरों पर कंपनी प्रबंधक द्वारा किये जा रहे शोषण और उत्पीड़न के विरोध में चल रहे आंदोलन के 400 दिन पूरे होने पर समाजसेवी सुब्रत विश्वास 18 सितंबर को मजदूरों संग भूख हड़ताल करेंगे। पूर्व सूचना आज ज्ञापन के माध्यम से एसडीएम को दी गई।
इंटरार्क मजदूर संगठन ऊधम सिंह नगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा कि गैरकानूनी रूप से ठेका प्रथा को बढ़ावा देते हुए ठेका मजदूरों के अप्रशिक्षित मजदूरों को कंपनी प्रबंधकों द्वारा एवं लाइसेंस का दुरुपयोग करते हुए ठेकेदार द्वारा खतरनाक मशीनों एवं संयंत्रों में कार्य करने को मजबूर किया जा रहा है जहां उनके अंग भंग होने का खतरा लगातार बना हुआ है। मजदूरों द्वारा कहा गया कि श्रम कानूनों का घोर उल्लंघन करते हुए कंपनी प्रबंधक जो ठेका प्रथा के अंतर्गत मजदूरों को नियोजित कर रहा है वह तत्काल बंद करें। एवं अपने हठधर्मिता को छोड़कर कंपनी प्रबंधक मजदूरों के साथ में उनके हक और अधिकारों को ध्यान में रखते हुए सम्मानजनक समझौता करने का प्रयास करें। धरना स्थल पर बड़ी संख्या में मजदूर एवं महिलाएं बारिश के बीच भी डटे रहे।
इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा के महामंत्री पान मोहम्मद ने कहा कि क्षमता से ज्यादा एवं नियमित निर्धारित कानूनों का उल्लंघन करते हुए उससे कई गुना ज्यादा ओवरटाइम करने को मजबूर करने वह लगातार ड्यूटी की समय सारणी को बदलने, अत्यधिक प्रोडक्शन का दबाव देने के मानसिक दबाव के कारण ड्यूटी आते समय श्रमिक रामप्रवेश आज सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया जिसके सिर में गंभीर चोट आई और मजदूर आईसीयू में भर्ती किया गया है। अभी हालत गंभीर है और सिर में आठ टांके लगाए गए हैं।
संगठन के पदाधिकारी मजदूर से मिलने पहुंचे और परिवार से मिलकर हालचाल जाना। यूनियन ने कहा कि दुर्घटना के पूरी जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधक की है। आरोप है कि कंपनी प्रबंधकों द्वारा असामाजिक तत्वों एवं अपराधिक प्रवृति वाले बाहर के गुंडे सरीखे लोगों को ठेका प्रथा के नाम पर कंपनी में नियोजित किया है जो कि आए दिन धरना दे रहे मजदूरों को धमकाते हैं एवं धरना स्थल पर आते जाते महिलाओं के साथ अभद्रता व छेड़खानी करते हैं और विवाद करते हैं तथा कंपनी प्रबंधक उन लोगों को ले जाकर कोतवाली किच्छा में मजदूरों के ऊपर झूठे केस भी लगवाता है ,जिसकी सूचना पुलिस प्रशासन को लिखित रूप में दे दी गई है परंतु पुलिस प्रशासन द्वारा अभी तक इस पर कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है।
महिलाओं का जोश भी अन्याय के विरोध में कम नहीं
13 महीने से चल रहे शोषण के विरोध में आंदोलन पहले दिन से महिलाएं भी अच्छी तरह वाकिफ हैं। प्रबंधक द्वारा किए जा रहे श्रमिकों के शोषण की रोकथाम ना होने एवं गैरकानूनी रूप से श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे कंपनी प्रबंधक के मनमाने रवैये से की जा रही ठेकेदार के अप्रशिक्षित मजदूरों की भर्ती भी रोष का मुख्य कारण बना हुआ है। कंपनी प्रबंधक का लगातार झूठ बोलना और मजदूरों को गुमराह करते रहना भी मजदूर महिलाओं से छिपा हुआ नहीं है इसीलिए यह महिलाएं भी अपने बच्चों संग आंदोलन को अपना पूर्ण सहयोग व समर्थन पहले दिन से ही देती आ रही है। महिलाओं ने दो टूक कहा है कि शासन-प्रशासन जल्द से जल्द कंपनी प्रबंधक की मनमानी व गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाए अन्यथा मजदूर स्वयं ही गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाने को स्वतंत्र होंगे।