‘भूखे भूतों’ को मिल रहा भोजन, 15 दिन के लिए खुले नरक के द्वार! हो जाएं रहस्य जानने को तैयार

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Gates of Hell: बचपन में काफी लोगों ने भूत-प्रेत की कई कहानियां सुनी होंगी। कुछ लोग भूत-प्रेत को अंधविश्वास मानते हैं तो कई लोग विश्वास करते है। हालांकि, आज के दौर में अधिकतर लोग इन पर विश्वास करते हैं। लेकिन एक ऐसा देश है जहां पर 15 दिन भूतों को भोजन कराया जाता है। ये …

Gates of Hell: बचपन में काफी लोगों ने भूत-प्रेत की कई कहानियां सुनी होंगी। कुछ लोग भूत-प्रेत को अंधविश्वास मानते हैं तो कई लोग विश्वास करते है। हालांकि, आज के दौर में अधिकतर लोग इन पर विश्वास करते हैं। लेकिन एक ऐसा देश है जहां पर 15 दिन भूतों को भोजन कराया जाता है।

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माना जाता है अगर लोग ऐसा नहीं करते हैं तो बुरी आत्माएं और भूत उनकी परिवार वालों को परेशान करते हैं। अब इस रहस्य के पीछे क्या मान्यता है? इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे।

कहां की है यह मान्यता

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, यह मान्यता कंबोडिया (एशियन कंट्री) की है। यहां शरद ऋतु में एक फेस्टिवल होता है जिसे पचम बेन फेस्टिवल कहा जाता है। यह फेस्टिवल हर साल सितंबर और अक्टूबर के बीच खमेर चंद्र कैलेंडर के 10 वें महीने के दौरान 15 दिनों के लिए होती है। माना जाता है कि इस फेस्टिवल के दौरान 15 दिन तक नरक के द्वार खुल जाते हैं और भूखी बुरी आत्माएं और भूत बाहर आते हैं। इसके बाद उन्हें खाना खिलाकर शांत कराया जाता है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इस फेस्टिवल में चार तरह की आत्माएं या भूत होते हैं। वह भूत जो अस्थायी रूप से मुक्त होते हैं वह केवल खून और मवाद खाते हैं। अगर भूतों को खाना खिलाया जाए तो वह आशीर्वाद देते हैं और फिर नरक में वापस लौट जाते हैं।

भूखे भूतों को कराते है भोजन!
मान्यता है कि इस समय भूखी आत्माएं बाहर आती हैं और उन्हें खाना खिलाना होता है। इस उत्सव को खमेर महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। इस दौरान भूत मंदिरों, कब्रिस्तानों और अपने रिश्तेदारों के घरों के आसपास अच्छे भोजन की तलाश में घूमते हैं। अगर उन्हें अच्छा भोजन नहीं मिलता है तो वह उन्हें परेशान करते हैं।

प्राचीन रिवाज के मुताबिक, दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया में इस मान्यता को काफी अधिक माना जाता है। इसमें परिवार अपने पिछले सात पूर्वजों को भोजन कराता है। इस त्योहार के शुरू होने से पहले दिन परिजन सुबह जल्दी उठ जाते हैं और सूरज निकलने से पहले ही खाना तैयार कर लेते हैं। बताया जाता है कि भूतों को रोशनी पसंद नहीं है। अगर थोड़ी सी भी धूप दिखाई दे जाए तो भोजन स्वीकार नहीं होता।

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