अयोध्या में खिला ड्रैगन फ्रूट, किसान की बल्ले-बल्ले, चार महीने में कमाए दो लाख
अमृत विचार, अयोध्या। तारुन क्षेत्र की ग्राम पंचायत कूरी पुरुषोत्तमपुर के राकेश पाण्डेय औषधीय गुणों से परिपूर्ण फल ड्रैगन फ्रूट की खेती कर किसानों के लिये प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। सवा दो बीघे में करीब 6 लाख रुपये की लागत से जुलाई से अब तक लगभग दो लाख रुपये की बिक्री की है। ड्रैगन फ्रूट जिसको गुजरात सरकार ने' 'कमलम 'नाम दिया है यहीं से ही इन्होंने इस पौधे को मंगवाया है।
पूरा बाजार के बीएल इंटर कॉलेज में हिंदी प्रवक्ता राकेश पांडेय ने बताया ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की जिज्ञासा मन में जागृत हुई है तो ऑनलाइन जानकारी हासिल की। पता चला कि बाराबंकी के एक किसान गया प्रसाद मौर्य ड्रैगन फ्रूट की खेती कर लाभ अर्जित कर रहे हैं। उनसे मिलकर जिज्ञासा और बढ़ गयी।
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पौधों को लगाने से पहले सिंचाई के लिए टपक विधि सिचाई की व्यवस्था की। यह पौधा लगभग 30 वर्षों तक फल देगा। ड्रैगन फ्रूट में 18 महीने बाद फल लगना शुरू हो गया। पौधा नागफनी की तरह कटीला होता है। इसकी बुवाई फरवरी में की जाती है।
पहले खेतों की जुताई करके दो बाई दो चौकोर गड्ढा बनाया जाता है फिर उसमें बालू, धान की भूसी, मिट्टी गोबर खाद डालकर उसमे ट्राइकोडरमा मिलाकर लगभग एक सप्ताह तक उसी में रखा जाता है। उसमें 7 फीट के सीमेंटेड पोल लगाया है। पोल 2 फीट अंदर रहेगा और 5 फीट ऊपर तक रखा जाता है एक गोलाकार लोहे की रिंग लगाकर उस पर मोटरसाइकिल टायर लगा दिया है। जिससे उसी पर लटक कर पौधे में फल आ रहा है।
उन्होंने बताया कि पौधे को कुरियर से गुजरात से मंगाया। 1100 पौधे आये थे। उपनिदेशक कृषि डॉ संजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने किसान की फसल को देखकर उनके लगन, मेहनत व इच्छाशक्ति की दाद दी। खेत का भ्रमण किया। फल के आकार को बढ़ाने के टिप्स दिये। इस तरह की खेती में लागत शुरुआती दौर में अधिक लगती है, लेकिन यदि कुछ करने का जज्बा हो और दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है।
लखनऊ, सीतापुर में 450 रुपये किलो
राकेश ने बताया कि जुलाई माह से फल आना शुरू हो गए है , जो 2 दिसंबर तक चलेंगे। अभी तक लखनऊ मंडी में 450 रुपये प्रति किलो की लागत से 2 लाख रुपए के फल की बिक्री की जा चुकी है।लखनऊ, सीतापुर रोड नवीन मंडी का बाजार भाव 450 रुपये किलो है। एक बार में लगभग 60 किलो फल की तोड़ाई होती है।
प्लेटलेट्स बढ़ाने में है मददगार
आयुर्वेदाचार्य डॉ हरीश सिंह का कहना है कि यह औषधीय पौधा गुणों की खान है। यह शुगर, हार्ट मरीजों के लिए रामबाण है। यह प्लेटलेट्स बढ़ाने का भी कार्य करता है, खून की कमी रक्त अल्पता एनीमिया के मरीजों के लिये भी लाभकारी है।
