मुरादाबाद : डिवाइस से होगी गर्भवती महिलाओं की एनीमिया जांच

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Published By Bhawna
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सेहत : 31,250 गर्भवती महिलाएं हैं जिले में, पोषण मिशन-2 के तहत वृहद स्तर पर चलाया जाएगा अभियान 

मुरादाबाद,अमृत विचार। जिले को एनीमिया मुक्त करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग का वृहद स्तर पर अभियान दिसंबर से शुरू होगा। विभाग डिवाइस के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और किशोरियों की बिना खून निकाले एनीमिया की जांच करेगा। साथ ही काउंसिलिंग के माध्यम से उन्हें बेहतर खानपान और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा। 

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एनीमिया की समस्या अधिक होती है। शरीर में खून की कमी होने से कई समस्याएं भी हो सकती हैं। खून की कमी तब होती है, जब आप स्वस्थ आहार नहीं लेते। उन चीजों का सेवन नहीं करते, जो आयरन से भरपूर हों, शरीर में खून बढ़ाते हों। इसके अलावा गर्भावस्था में एनीमिया का खतरा रहता है। 

एनीमिया का शिकार होने पर भ्रूण तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए खून पर्याप्त मात्रा में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता है। इसके अलावा की तमाम समस्याएं पैदा हो जाती हैं। ऐसे में समस्याओं के समाधान से लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) ने गर्भवती महिलाओं और किशोरियों की एनीमिया की जांच करने की पहल की जा रही है। वर्तमान में जिले में 31,250 गर्भवती महिलाएं हैं।  छह माह की गर्भवती की  आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा एनीमिया की जांच की जाएगी।

नहीं होगा इंफेक्शन का खतरा बना
डीपीओ ने बताया कि गर्भवती महिलाओं के अब तक ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता व पोषण दिवस  (वीएचएसएनडी) के तहत की जांच का प्रावधान है। इसमें सुई से इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। इसी डर से महिलाएं जांच नहीं कराती और गर्भावस्था के समय फोलिक एसिड की गोलियों का सेवन करती हैं। इसी डर को खत्म करने के लिए गर्भवतियों की अब डिवाइस से जांच की जाएगी। 

11-19 साल की बालिकाओं के खानपान की होगी काउंसलिंग
जिले में कुल 437 माध्यमिक विद्यालय हैं। अधिकारी का कहना है कि एनीमिया की जांच के लिए बढ़े स्तर पर स्कूलों में अभियान चलाया जाएगा। इसमें 11-19 वर्ष की बालिकाओं की जांच की जाएगी। प्रधानाचार्यों के सहयोग से उनके खानपान की काउंसिलिंग होगी। तीन माह चलने वाली इस प्रक्रिया में एनीमिया युक्त बालिकाओं को सही आहार के माध्यम से दुरूस्त बनाने का लक्ष्य है।

पांच बीमारियों का होगा परीक्षण 
डिवाइस से मात्र पांच से 10 सेकंड में बिना सुई को चुभाए किशोरियों के एनीमिया, लिवर, किडनी, ऑक्सीजन लेवल व शुगर की प्रारंभिक जांच की जा सकती है। यह आईएसओ, सीडीएस तथा इंडियन मेडिकल फेडरेशन के द्वारा प्रमाणित यंत्र है।

विभाग को मिलीं सात डिवाइस 
जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अनुपमा शांडिल्य ने बताया कि किशोरियों व गर्भवतियों को एनीमिया मुक्त कराने में जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग मिला है। उन्होंने बताया कि एमएलसी गोपाल अंजान ने दो, बिलारी विधायक मोहम्मद फहीम इरफान ने चार और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की संयोजिका अल्पना गुप्ता ने एक डिवाइस विभाग को मुहैया कराई है।  

अब तक 5,000 की हो चुकी है जांच
डीपीओ डॉ. अनुपमा शांडिल्य ने बताया कि जनवरी में मिली पांच डिवाइस से अब तक 5,000 ऐसी किशोरियों की जांच की जा चुकी है। जिनकी मॉनिटरिंग की जा रही है। 

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