अयोध्या: प्रमुख सचिव से राजगोपाल मंदिर से जुड़ी जमीन का बैनामा निरस्त करवाने की गुहार

अयोध्या: प्रमुख सचिव से राजगोपाल मंदिर से जुड़ी जमीन का बैनामा निरस्त करवाने की गुहार

अमृत विचार, अयोध्या। रामनगरी के राजगोपाल मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लखीमपुर स्थित मंदिर के सरवराहकार ने प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य उत्तर प्रदेश शासन को फरियाद भेजी है। प्रमुख सचिव के साथ मुख्यमंत्री, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी को भेजे गए इस प्रार्थना पत्र में रामपथ निर्माण के लिए ट्रस्ट से जुड़ी जमीन का गलत ढंग से राज्यपाल के पक्ष में किए गये बैनामें को निरस्त करवाने की मांग रखी है।

फरियाद में खीरी जनपद के लखीमपुर स्थित मोहल्ला मिश्राना के जानकी जीवन (गुड़िया महंत) मंदिर के सरवाराहकार महंत संतोष दास का कहना है कि प्रबंधकीय विवाद के चलते उच्च न्यायालय ने प्रथम अपील संख्या 64/ 2016 महंत संतोष कुमार दास बनाम कौशल किशोर शरण व अन्य में प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य को राजगोपाल मंदिर ट्रस्ट से जुड़ी संपत्तियों के देखरेख के लिए रिसीवर नियुक्त किया है। ट्रस्ट की खीरी लखीमपुर, लखनऊ तथा जिला अयोध्या में मंदिर और जमीन है।

अयोध्या में राम नगरी के मीरापुर डेरा बीबी स्थित श्री राजगोपाल मंदिर के भूमि गाटा संख्या 118 मि  0.228 हेक्टेयर व 0.253 हेक्टेयर का बैनामा बड़ा स्थान के सरवराहकार महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य ने 14 नवंबर को राजपाल के पक्ष में किया है। विक्रय पत्र में धनुषधारी जी भगवान सरवराहकारी महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य बड़ा स्थान अयोध्या के शिष्य विश्वनाथ प्रसादाचार्य ने उक्त भूमि को अपनी भूमि में सम्मिलित बताया है, जबकि यह उक्त गाटा संख्या की भूमि राजगोपाल मंदिर ट्रस्ट की है।

जिसके चलते विक्रय अविधिक है। प्रमुख सचिव से मांग रखी है कि ऐसे में पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तथा उक्त जमीन को अधिग्रहण से मुक्त कराया जाए। साथ ही प्रति कर न्यायालय में जमा कराने की विधिक कार्रवाई की जाए।

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