ईरान सरकार पर भड़की फरीदा मुरादखानी, विदेशी सरकारों से सभी संपर्क खत्म करने का किया आग्रह

ईरान सरकार पर भड़की फरीदा मुरादखानी, विदेशी सरकारों से सभी संपर्क खत्म करने का किया आग्रह

बगदाद। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह खामेनेई की भांजी ने दुनिया के विभिन्न देशों के लोगों से आह्वान किया है कि वे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के हिंसक दमन पर ईरान के साथ संबंध तोड़ने के लिए अपनी सरकारों पर दबाव डालें। खामेनेई की भांजी फरीदा मुरादखानी ने एक वीडियो जारी कर विदेशी सरकारों से ईरान से सभी संपर्क समाप्त करने की अपील की है। 

फरीदा ने ईरानी प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने के लिए ‘‘दुनिया के कर्तव्यनिष्ठ लोगों’’ से आग्रह किया। अमेरिका स्थित अधिकार निगरानी समूह एचआरएएनए के मुताबिक यह वीडियो 23 नवंबर को फरीदा मुरादखानी की गिरफ्तारी के बाद इस सप्ताह साझा किया गया था। फरीदा मुरादखानी लंबे समय से एक सक्रिय कार्यकर्ता हैं, जिनके दिवंगत पिता ने खामेनेई की बहन से विवाह किया था। फरीदा गिरफ्तार होने वाली सर्वोच्च नेता के परिवार की सबसे करीबी सदस्य हैं। 

परिवार के कुछ लोगों ने दशकों से खामेनेई का विरोध किया है और मुरादखानी को उनकी सक्रियता के लिए पिछले मौकों पर कैद किया गया है। अपने वीडियो में फरीदा ने कहा कि ईरान की सरकार “ताकत और सत्ता में बने रहने” के अलावा और कोई नियम नहीं जानती है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक फरीदा को इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। ऐसा माना जाता है कि उन्हें तेहरान की कुख्यात इर्विन जेल में रखा गया है। फरीदा ने कहा, ‘‘ मैं दुनिया के ईमानदार लोगों से हमारे साथ खड़े होने और उनकी सरकारों को खोखले शब्दों और नारों के साथ नहीं बल्कि वास्तविक कार्रवाई का समर्थन करने और इस शासन के साथ किसी भी तरह का संपर्क बंद करने के लिए कहती हूं। ’’

 ईरान में करीब तीन महीने से सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी हैं। प्रदर्शनकारी हिजाब को लेकर सख्त नियमों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। कार्यकर्ताओं के मुताबिक इन प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 451 लोगों की मौत हो चुकी है। इन प्रदर्शनों को दबाने के लिए ईरानी सुरक्षा बलों द्वारा गोला बारूद, रबड़ की गोलियों और आंसू गैस का उपयोग करके क्रूर कार्रवाई की जा रही है।

 एचआरएएनए के मुताबिक 18,173 लोगों को हिरासत में लिया गया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने सोमवार को कहा कि ईरान विरोध प्रदर्शनों पर घातक कार्रवाई की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र के किसी भी मिशन के साथ सहयोग नहीं करेगा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने पिछले सप्ताह मिशन स्थापित करने की बात की थी।

ये भी पढ़ें:- Gaslighting बना Word of the Year 2022, कहीं आप भी तो इसके शिकार नहीं!