मुरादाबाद: पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता हाजी इकराम कुरैशी की जमानत याचिका मंजूर

Amrit Vichar Network
Published By Priya
On

सजायाफ्ता नेता को एडीजे दो एमपी एमएलए कोर्ट से मिली जमानत, बिजली बिल की फर्जी रसीद बनाने के आरोप में मिली थी सात साल की कैद

मुरादाबाद, अमृत विचार। पूर्व मंत्री हाजी इकराम कुरैशी को बुधवार को जिला जज की कोर्ट से जमानत मिल गई। करीब 22 साल पुराने मामले में एसीजेएम- चार स्मिता गोस्वामी ने हाजी इकराम कुरैशी को दोषी करार दिया था। कांग्रेस नेता को सात साल की सजा सुनाई गई। हाजी इकराम तभी से मुरादाबाद जिला जेल में बंद हैं। एडीजे- दो की कोर्ट में जमानत याचिका मंजूर होने से पूर्व मंत्री के समर्थकों में खासा उत्साह है। 

30 नवंबर को एसीजेएम-चार की कोर्ट से सात साल की सजा मिलने के बाद हाजी इकराम कुरैशी ने जिला जज की कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की। याचिका की सुनवाई बुधवार को एडीजे - दो की अदालत में हुई। अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने हाजी इकराम कुरैशी की जमानत मंजूर कर ली। पिता की जमानत मंजूर होने से गदगद पुत्र उवैद इकराम ने हाजी इकराम कुरैशी फिलहाज जेल में हैं। परवाना समय से जेल नहीं पहुंच सका। ऐसे में बुधवार को हाजी इकराम कुरैशी की जेल से रिहाई नहीं हो सकी। कांग्रेस नेता की जेल रिहाई गुरुवार को होने की उम्मीद है। 

यह है पूरा मामला
मुरादाबाद : करीब 22 साल पहले बिजली विभाग के तत्कालीन अधिशासी अभियंता ने 2 जून 2000 में गलशहीद थाने में तहरीर दी। अधिशाशी अभियंता ने हाजी इकराम कुरैशी पुत्र अब्दुल निवासी भूड़ा चौराहा गलशहीद के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। आरोपियों में बिजली विभाग के एसएसओ टीजी-दो रामअवतार शर्मा पुत्र स्व. हीरालाल निवासी डबल फाटक कटघर का भी नाम शामिल है। एसएसओ रामअवतार शर्मा बकाए बिजली बिल की वसूली करता था।

 विद्युत विभाग उसे रसीद बुक मुहैया कराता था। दो मार्च 2000 को एसएसओ को विद्युत विभाग के अधिकारी डीसी मिश्रा ने 50 रसीदें मुहैया कराईं। सभी रसीद की तीन-तीन प्रतियां थीं। एक प्रति उपभोक्ता को मिलती थी। दूसरी प्रति संग्रह विवरण व तीसरी प्रति कार्यालय अभिलेख में रखी जाती थी। रसीद संख्या 50 की दूसरी प्रति रसीद बुक से फटी मिली। पहली व तीसरी प्रति एसएसओ रामअवतार ने कैंसिल कर दिया। 

रामअवतार की रसीद बुक से जो 50 नंबर की रसीद फटी थी, उसे 22 मई को हाजी इकराम कुरैशी की फर्म मैसर्स अब्दुल रसीद एंड संस बर्फखाना की ओर से विद्युत विभाग में जमा किया गया। रसीद पर 6,88, 054 रुपये भरे थे। मैसर्स अब्दुल रसीद एंड संस बर्फखाना ने रसीद के जरिए दावा किया कि 22 मई 2000 को विभाग के कर्मचारी को बकाया रकम चुकता कर दी गई। विभागीय जांच में रसीद पर रामअवतार शर्मा के हस्ताक्षर नहीं मिले। ऐसे में हाजी इकराम कुरैशी व रामअवतार शर्मा को विद्युत विभाग ने आरोपी बनाया।

ये भी पढ़ें:- मुरादाबाद : राष्ट्रीय जूडो प्रतियोगिता में यूपी टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी सपना कश्यप

संबंधित समाचार