फंदे में फंसकर हुई बाघ की मौत के कारणों की होगी जांच, शिकार की आंशका

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
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पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में एक युवा नर बाघ की फंदे में फंसकर हुई मौत के मामले में विस्तृत जांच के लिए पन्ना उप वनमंडल अधिकारी को अधिकृत किया गया है।

सूत्रों के अनुसार घटना के कारणों की जांच के बाद सात दिन में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा। लापरवाही बरतने पर संबंधित बीट प्रभारी और परिक्षेत्र सहायक को निलंबित किया गया है।

हालांकि विक्रमपुर गांव में हुई इस घटना के बाद ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल होने के कारण कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

वनमंडलाधिकारी उत्तर, पन्ना से मिली जानकारी के अनुसार मृत बाघ के पृथक-पृथक सैंपल परीक्षण के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली, फोरेंसिक साइंस लैब सागर और सेन्टर फॉर वाइल्ड लाइफ फोरेंसिक एण्ड हेल्थ जबलपुर प्रयोगशाला भेजे गए हैं।

उत्तर वनमंडल पन्ना के कर्मचारियों ने घटनास्थल पहुंचकर अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध वन अपराध प्रकरण दर्ज कर लिया है। कर्मचारियों ने घटना स्थल के दो किलोमीटर दूर तक गहन निरीक्षण किया। सूत्रों के अनुसार इस दौरान तेंदू के पेड़ पर बाघ के नाखून से खरोंचने के निशान और बाल पाए गए।

तेंदू के पेड़ की डाल को काट कर मृत बाघ को नीचे उतारा गया। कमचारियों को यहां खूंटी का टुकड़ा एवं तार का फंदा मिलने पर जप्ती की कार्रवाई कार्यवाही की गई। डाॅग स्क्वाॅड टीम के माध्यम से भी जांच की जा रही है। प्रकरण में अब तक दो संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है।

पूछताछ में यह पाया गया कि जिस फंदे में फंस कर बाघ की मृत्यु हुई है वह इन दोनों संदिग्ध व्यक्तियों ने अपनी फसलों को जंगली जानवरों से सुरक्षित करने के लिए उपयोग में लाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बाघ के सभी अंग मौजूद एवं सुरक्षित मिले हैं। 

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