'इनका वश चले तो देश को बिहार बना देंगे' वाला बयान पीयूष गोयल ने वापस लिया, कहा- अपमान का नहीं था इरादा
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्य मनोज झा पर की गई अपनी उस टिप्पणी को वापस ले लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इनका वश चले तो देश को बिहार बना देंगे। झा ने गोयल की अपमानजक टिप्पणी के बारे में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को बुधवार को एक पत्र भी लिखा था। गुरुवार को उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने पर झा ने यह मुद्दा उठाया और गोयल से माफी की मांग की। जनता दल (यूनाइटेड) के रामनाथ ठाकुर और कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह ने भी गोयल द्वारा बिहार के खिलाफ की गई टिप्पणी का मामला उठाया और इसे बिहार का अपमान बताते हुए उनसे माफी की मांग की।
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विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी यह मुद्दा उठाया और कहा कि उन्होंने बिहार व राज्य की जनता का अपमान किया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री और सदन के नेता गोयल ने कहा कि अगर उनकी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है तो वह अपना बयान तत्काल वापस लेते हैं। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही गोयल ने कहा कि उनका इरादा बिहार और वहां की जनता का अपमान करना कतई नहीं था। उन्होंने कहा, मेरा बिहार या बिहार की जनता का अपमान करने का कतई इरादा नहीं था। अगर इससे किसी को ठेस पहुंची है तो मैं तत्काल अपना बयान वापस लेता हूं। यह किसी के प्रति द्वेष की भावना नहीं थी।
गोयल के बयान के बाद भी विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा। ज्ञात हो कि गोयल ने यह टिप्पणी मंगलवार को उस समय की जब राजद सदस्य मनोज झा अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। झा ने कहा कि सरकार को गरीबों और औद्योगिक घरानों पर समान रूप से ध्यान देना चाहिए। इस पर गोयल ने जवाब दिया, इनका वश चले तो देश को बिहार बना दें।
इससे पहले, राजद, जद(यू) कांग्रेस, झाखंड मुक्ति मोर्चा, शिव सेना के बिहार के सांसदों ने गोयल की टिप्पणी के खिलाफ संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट प्रदर्शन किया और उनसे माफी की मांग की। जद(यू) नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि गोयल की टिप्पणी से बिहार की जनता आहत हुई है। उन्होंने कहा, गोयल को अपने शब्द वापस लेने चाहिए और वह बिहार की जनता से माफी मांगे।
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