Chitrakoot News: साहब! घर में डंप किए हैं समूह अध्यक्ष ड्राई राशन, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने की शिकायत

Amrit Vichar Network
Published By Kanpur Digital
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Chitrakoot News चित्रकूट में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने की शिकायत।

Chitrakoot News चित्रकूट में महिलाओं ने घर में समूह अध्यक्ष पर घर में ही ड्राई राशन डंपर करने का आरोप लगाया है। इस पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने शिकायत भी की है।

अमृत विचार, चित्रकूट। Chitrakoot News मऊ में संचालित एक स्वयं सहायता समूह की महिलाएं शनिवार को ब्लाक कार्यालय पहुंचीं। यहां इन्होंने ब्लाक मिशन प्रबंधक उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को शिकायती पत्र सौंपा। इन्होंने समूह की अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए। 

शांति आजीविका स्वयं सहायता समूह की गुड़िया, कंजायनी, संतोषी, सरोज, गीता, गेंदिया आदि ने बताया कि समूह सखी ने एक साल से बैठक तक नहीं कराई है। इनके द्वारा योजना संबंधी कोई जानकारी भी नहीं दी जाती।

आरोप लगाया कि अध्यक्ष कोषाध्यक्ष व सचिव के साथ गुटबाजी कर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर समूह से लेनदेन कर रहे हैं। इसकी भी कोई जानकारी नहीं दी जाती। इनका यह भी आरोप था कि अध्यक्ष द्वारा अपने घर में ड्राई राशन डंप किया गया है और इसका वितरण भी नहीं किया जाता।

भाजपा नेत्री ने भी की शिकायत

इसी संबंध में भाजपा की जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति सदस्य ममता तिवारी ने उप जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा। उन्होंने बताया कि शांति समूह की अध्यक्ष गुड़िया देवी द्वारा घर में राशन डंप करने की जानकारी मिलने पर जब वह उनके घर पहुंचीं तो अभद्रता से पेश आते हुए उन्होंने घर का दरवाजा तक नहीं खोला। उप जिलाधिकारी ने सीडीओपी को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। 

टरकाऊ रहा सीडीपीओ का जवाब

उधर, इस संबंध में सीडीपीओ विनय कुमार का जवाब भी हास्यापद और टरकाऊ रहा। उन्होंने पूरी तरह समूह संचालिका का पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि कभी भी राशन सीधे केंद्रों में नहीं जाता। पहले यह समूह संचालिका अपने घर में डंप करती हैं। इसके बाद इनका वितरण किया जाता है। उन्होंने बताया कि संचालिका के बच्चे को संक्रामक रोग हो गया था, जिस वजह से अभी तक ड्राई राशन का वितरण नहीं किया था। आज एसडीएम के निर्देश पर केंद्रों में इसे भेज दिया गया है। आश्चर्यजनक बात यह कि उनको भाजपा नेत्री द्वारा एसडीएम को दिए पत्र की जानकारी तो थी पर समूह की महिलाओं द्वारा दिए गए पत्र की नहीं।

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