राजीव गांधी और PM मोदी के बारे में Gautam Adani ने कह दी बहुत बड़ी बात
मुंबई। दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चलते जबरदस्त कामयाबी मिलने के सवाल पर कहा है कि यह आरोप निराधार है। उन्होंने कहा, मेरी पेशेवर सफलता किसी एक नेता के कारण नहीं...बल्कि तीन दशकों में कई नेताओं और सरकारों द्वारा शुरू किए गए सुधारों के कारण है।
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उद्योगपति गौतम अडानी ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी नहीं होते तो बतौर उद्यमी उनकी यात्रा शुरू नहीं होती। उन्होंने कहा, गांधी ने एक्ज़िम पॉलिसी को उदार बनाया...जिससे मुझे एक्सपोर्ट हाउस शुरू करने में मदद मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चलते सफलता मिलने के आरोप पर उन्होंने कहा, दोनों गुजरात से हैं...इसलिए आरोप लगता है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए अडानी-अंबानी का नाम लेते रहते हैं। वह आरोप लगाते हैं कि मोदी सरकार अपने कुछ उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाती है। लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि गौतम अडानी (Gautam Adani) ने राहुल के पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तारीफ की है। उनके प्रति आभार जताया है। अडानी ने कहा कि अगर वह (राजीव गांधी) न होते तो मेरी शुरुआत ऐसी न होती। अडानी से मोदी के साथ संबंधों पर भी सवाल हुए।
अडानी ने बताया कि उनका सफर तब शुरू हुआ था जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने कहा, 'कई लोगों को जानकर आश्चर्य होगा कि मेरा सफर तब शुरू हुआ था, जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे। जब उन्होंने एग्जिम पॉलिसी को बढ़ावा दिया और पहली बार कई चीजें OGL (ओपन जनरल लाइसेंस) लिस्ट में आईं, इससे मुझे एक्सपोर्ट हाउस शुरू करने में मदद मिली। अगर वो न होते तो मेरी शुरुआत ऐसी न होती।
अडानी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी और मैं दोनों गुजरात राज्य से आते हैं और ऐसे में मुझ पर इस तरह के आरोप लगाना आसान हो जाता है। जब मैं पीछे मुड़कर अपनी ऐन्टरप्रेन्योर जर्नी को देखता हूं तो मैं इसे चार चरणों में बांट सकता हूं। इसी दौरान उन्होंने राजीव गांधी के कार्यकाल का जिक्र किया। उसी समय उनकी शुरुआत हुई थी।
उन्होंने कहा कि दूसरा बढ़ावा 1991 में मिला। जब देश के प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव थे और वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह थे। उस समय आर्थिक सुधार हुए थे। कई दूसरे एंटरप्रेन्योर की तरह मुझे भी फायदा हुआ। तीसरा टर्निंग पॉइंट 1995 में आया। जब केशुभाई पटेल गुजरात के सीएम बने। उस समय तक गुजरात के सभी औद्योगिक विकास केवल मुंबई से दिल्ली के इर्द-गिर्द तक सीमित रहते थे। जब केशुभाई ने तटीय इलाकों पर ध्यान देना शुरू किया तो पहला पोर्ट बनाने का मौका मिला।
चौथे नंबर पर अडानी ने 2001 में नरेंद्र मोदी के सीएम बनने के बाद के कालखंड को रखा। उन्होंने कहा कि मोदी की नीतियों से गुजरात का आर्थिक विकास तेजी से हुआ है। अडानी ने आगे कहा कि जो भी कहा जाता है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारी प्रगति के खिलाफ पक्षपात है। अडानी ने कहा कि मोदी हर नागरिक के जीवन में बदलाव लाए हैं।
अडानी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) की दौलत हाल के वर्षों में रॉकेट की स्पीड से बढ़ी है। आलोचकों का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister) के साथ करीबी के कारण उन्हें बिजनस में जबरदस्त फायदा हुआ है। लेकिन अडानी ने इन आरोपों का खारिज किया है। उनका कहना है कि उनकी सफलता के पीछे कई नेता और कई सरकारें हैं। उन्हें किसी एक व्यक्ति नेता के कारण सफलता नहीं मिली है बल्कि इसका श्रेय पिछले तीन दशक में हुए नीतिगत बदलाव को जाता है। अडानी ने साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वह एक ही प्रदेश से आते हैं, इसलिए उनपर निराधार आरोप लगाना आसान हो जाता है।
अडानी ने कहा कि उन्हें दूसरा मौका 1991 में मिला जब तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों को लागू किया। बहुत लोगों के साथ उन्हें भी इसका फायदा हुआ। तीसरा मौका 1995 में आया, जब केशुभाई पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उससे पहले गुजरात में औद्योगिक विकास केवल मुंबई से दिल्ली एनएच-8 के इर्दगिर्द ही सीमित था। उन्होंने तटीय इलाकों पर ध्यान दिया और मुझे मुंद्रा पर अपना पहला पोर्ट बनाने का मौका मिला।
भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस ने कहा कि उन्हें चौथा मौका 2001 में मिला जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम बने। उनकी नीतियों से गुजरात के आर्थिक विकास को पंख लगे। आज वही काम मोदी देश में कर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे खिलाफ ऐसा बोला जाता है। ये सब निराधार है और हमारी प्रगति के खिलाफ पक्षपात है। मोदी देश के हर नागरिक के जीवन में बदलाव लेकर आए हैं। वह देश के आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक विकास पर भी जोर दे रहे हैं।
अडानी ने कहा कि मोदी की नीतियों से देश में औद्योगिक और आर्थिक विकास हुआ है। आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया से उत्पादन और कारोबार के नए मौके बने हैं और लाखों लोगों को रोजगार मिला है। स्वच्छ भारत, जनधन योजना, डीबीटी और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से देश में आमूलचूल बदलाव देखने को मिला है। अडानी ने कहा कि हमें एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने में 58 साल लगे थे। अगले 12 साल में हम दो ट्रिलियन डॉलर और फिर पांच साल में तीन ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गए। अगले दशक में हम हर 12 से 18 महीने में हम जीडीपी में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़ने की स्थिति में होंगे।
उन्होंने कहा कि 2050 में भारत 160 करोड़ युवाओं का देश होगा जिनकी औसत उम्र 38 साल होगी। भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ा मिडिल क्लास होगा और हमारी इकॉनमी 30 ट्रिलियन डॉलर की होगी। यह शताब्दी सही मायनों में भारत की होगी। माना जा रहा है कि दुनिया में अगले साल मंदी दस्तक दे सकती है। इस बारे में अडानी ने कहा कि 2008 में भी कुछ लोगों ने ऐसी भविष्यवाणी की थी लेकिन भारत ने इसे गलत साबित किया था। इस बार भी ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा कि एक फरवरी को पेश होने वाला बजट इस तरह चिंताओं को दूर करने में मददगार साबित होगा।
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