Indian Stock Market: वैश्विक झटकों से वर्ष 2023 में भारतीय शेयर बाजार में रह सकता है उतार-चढ़ाव

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
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नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में 2023 के दौरान उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि भू-राजनीतिक अनिश्चितता, मंदी की आशंका और ब्याज दर की आगे की चाल जैसे कई कारकों के चलते शेयरों पर रिटर्न या प्रतिफल सामान्य या नकारात्मक भी रह सकता है। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय बाजार घरेलू और वैश्विक कारकों से प्रभावित होगा, जिसमें कोरोना वायरस की आगे स्थिति और अगले साल आम बजट में नीतिगत पहल शामिल हैं। इस साल दुनियाभर के वित्तीय बाजारों में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद घरेलू इक्विटी बाजारों में मजबूती रही। 

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इस दौरान 30 शेयरों वाला सेंसेक्स छह महीने से कम समय में लगभग 13,000 अंक बढ़कर एक दिसंबर को 63,583.07 के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। सेंसेक्स 17 जून को अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर 50,921.22 अंक पर था। पिछले छह महीने की बढ़त विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा भारतीय शेयरों में बिकवाली और उच्च मुद्रास्फीति के बावजूद हुई। आने वाले वक्त में वैश्विक कारक जैसे मंदी की आशंका, भू-राजनीतिक जोखिम और चीन में बढ़ते कोरोना वायरस के मामले शेयर बाजारों को अस्थिर रख सकते हैं। 

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि 2023 में आरबीआई के साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व की कार्रवाई महत्वपूर्ण होगी। अमेरिका आधारित हेज फंड हेडोनोवा के सीआईओ सुमन बनर्जी ने कहा कि 2023 में नकारात्मक रिटर्न देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि अगले साल कच्चे तेल की कीमत से भी बाजार का रुख तय होगा।

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