मुरादाबाद: सम्मान से अभिभूत होकर छलकीं होमगार्ड जवान की आंखें

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Published By Moazzam Beg
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मुरादाबाद, अमृत विचार। जनता के सुरक्षा चक्र में अंतिम पायदान पर खड़े होमगार्ड के किसी भी जवान ने शायद ही कभी सोचा हो कि थाने से उसकी विदाई यादगार बनेगी। होमगार्ड के जवानों के जीवन में सपने सरीखी इस अनुभूति को शनिवार को सिविल लाइंस पुलिस ने सजीव किया। थाना प्रभारी से लेकर चौकी इंचार्ज तक ने कतारबद्ध होकर जब होमगार्ड के एक जवान को अनोखे व अद्भुत सम्मान के साथ विदा किया तो, तो उसकी आंखें छलक गईं। 32 साल की सेवा को मिले यादगार सम्मान ने हर किसी का दिल जीत लिया।  

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पुलिस महकमा व होमगार्ड विभाग एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों के ही कंधे पर जनता की सुरक्षा का भार है। पुलिस साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलने वाले होमगार्ड के जवान फिर भी खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। थाने व चौकी में उनके उत्पीड़न की घटनाएं गाहे बगाहे मीडिया की सुर्खी भी बनती हैं। शनिवार को मुरादाबाद की सिविल लाइंस पुलिस ने ऐसी धाराणा को एक झटके में तोड़ दिया। 

लंबी सेवा का सम्मान करते हुए पुलिस कर्मियों ने यह जताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी कि देश व जनता की समर्पित भाव से सेवा करने वाला हर व्यक्ति सजदे का अधिकारी है। सिविल लाइंस थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि साल के अंतिम दिन की सुबह होते ही वह थाने पहुंचे। तब पता चला कि डिलारी थाना क्षेत्र के सौदासपुर गांव के रहने वाले व होमगार्ड के जवान धर्मवीर सिंह 31 तारीख के बाद वर्दी में फिर नहीं दिखेंगे।

होमगार्ड के रूप में उनकी सेवा अवधि खत्म हो रही है। तब उन्होंने धर्मवीर को पास बुलाया। पूछा कि होमगार्ड जवान के रूप में कितने वर्षों तक सेवा की। धर्मवीर सिंह ने कहा साहब पूरे 33 साल। यह सुनते ही थाना प्रभारी भाव विह्वल हो गए। 

उन्होंने तत्काल मातहतों को धर्मवीर सिंह की यादगार विदाई करने का आदेश दिया। थानाप्रभारी के आदेश पर सभी चौकी इंचार्ज सिविल लाइंस बुलाए गए। पहले थाना प्रभारी ने धर्मवीर के गले में फूलों का हार डाला।फिर अंगवस्त्र देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

इसके बाद सिविल लाइंस थाने की सभी चौकी के प्रभारियों ने धर्मवीर सिंह को माला पहनाया। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच फूल मालाओं से लकदक धर्मवीर सिंह का गला अंतत: रूंध गया। आखें छलक गईं। सभी का हाथ जोड़कर उन्होंने कहा कि थाने से ऐसी विदाई की कल्पना उन्होंने कभी नहीं की। यह सम्मान सदा उनके जेहन में कैद रहेगा। 

22 रुपये से शुरू की नौकरी, अब पा रहे 22 हजार 
विदाई के दौरान धर्मवीर सिंह ने बताया कि 33 वर्ष पहले जब उन्होंने नौकरी शुरू की, तब उन्हें देहाड़ी के रूप में महज 22 रुपये सरकार से प्राप्त होता था। अब उनका महीने का वेतन करीब 22 हजार रुपये हो चला है। 33 वर्षों के सेवाकाल में होमगार्ड से लेकर पुलिस महकमे तक में उन्होंने बड़ा बदलाव देखा। होमगार्ड के जवानों को लेकर पुलिस कर्मियों की सोच में बड़ा बदलाव हुआ है। विदाई समारोह में होमगार्ड के कम्पनी कमांडर भी मौजूद रहे।

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