अयोध्या महोत्सव में कवियों ने लूटी महफिल
मोह-माया से दूर रहना है तो मेरा चैनल सब्सक्राइब करें...लगे ठहाके
अमृत विचार, अयोध्या। अयोध्या महोत्सव के छठवें दिन कवियों ने महफिल को खुशनुमा बना दिया। जमुना प्रसाद उपाध्याय ने काव्य धारा में सुनाया कि-जब जब खादी से समझौता करना पड़ता है, हंसना कीमत है लेकिन कुछ लोगों को हंसने की तैयारी करना पड़ता है। दिनेश बांवरा ने अपनी रचना कुछ इस तरह सुनाई...सूरज तेजी से ढल रहा है, जमाना रोज बदल रहा है। एक संत ने टीवी पर प्रवचन देते हुये कहा, अगर आप मोह माया से दूर रहना चाहते हैं,तो मुझे लाइक कीजिए, साथ में मेरा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए। इस पर लोगों ने खूब ठहाके लगाए।
सआदतगंज स्थित फॉरएवर लॉन में आयोजित महोत्सव का परिवेश कला साधकों के सम्मान, राष्ट्रीय कवि सम्मेलन व लोक कलाकारों की प्रस्तुति का गवाह बना। पंडित अनुज मिश्र और उनकी छात्राओं ने कथक, दूरदर्शन की ए ग्रेड की कलाकार पूनम श्रीवास्तव, लोकगायिका शिखा भदौरिया ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया।
उदघाटन मुख्य अतिथि अंशमाली टंडन, विशिष्ट अतिथि दुर्गेश राय, सहप्रभारी संस्कार भारती अवध प्रान्त की ओर से मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित करके हुआ। मुख्य अतिथि को अयोध्या महोत्सव न्यास के अध्यक्ष हरीश कुमार श्रीवास्तव ने सम्मानित किया। अरुण द्विवेदी के संयोजन में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित किया। इसी प्रकार शम्भू शिखर, रामायणधर द्विवेदी, वंदना शुक्ला, अर्चना द्विवेदी, सुनीता पाठक, दुर्गेश निर्भीक, निखिल उपाध्याय, दुर्गेश पाण्डेय दुर्लभ समेत अन्य कवियों ने अपनी भव्य प्रस्तुति से महोत्सव में धूम मचा दी।
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