सट्टा लगाना आसान, जब पुलिस है मेहरबान

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Published By Vinay Shukla
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पुराने शहर में जोर पकड़ रहा सट्टा कारोबार, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वीडियो वायरल

अमृत विचार, लखनऊ। पुराने लखनऊ में सट्टा कारोबार काफी जोर पकड़ रहा है। अमीनाबाद, कैसरबाग, यहियागंज समेत ठाकुरगंज थानाक्षेत्र अन्तर्गत सट्टा कारोबार से जुड़े लोगों का गिरोह सक्रिय है। असल में स्थानीय पुलिस की शह पर सट्टा कारोबार संरक्षित हो रहा है। सोमवार को सआदतगंज थानाक्षेत्र अन्तर्गत अंबरगंज इलाके से सट्टा कारोबार का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तेजी से वायरल हो रहा है।

हालांकि वायरल हो रहे वीडियो की पुष्टि अमृत विचार नहीं करता है। इससे पहले भी अमीनाबाद समेत कैसरबाग, नाका, चौक, सआदतगंज और वजीरगंज क्षेत्र में सट्टा कारोबार की शिकायतें सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो चुकी हैं। वहीं स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुलिस के संरक्षण में खुलेआम सट्टे का काला कारोबार पांव पसरा रहा है। इसकी जद में आने से  युवा का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।

 घर में संचालित हो रहा सट्टे का कारोबार

 स्थानीय लोगों की मानें तो सआदतगंज थानाक्षेत्र के अम्बरगंज के मोअज्जम नगर में एक शख्स सट्टे का कारोबार संचालित कर रहा है। जिसकी जद में युवा पीढ़ी के अलावा तमाम लोग चंद में मिनट मोटा रकम कमाने की चाहत में फंसे हुए हैं। सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सट्टा कारोबार का वीडियो तेजी से टेंड होने लगा तो पुलिस हरकत में आई। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थानीय पुलिस के संरक्षण पर सट्टे का मकड़जाल फैला हुआ है।

बेशक, संबधित पुलिस ने छोटे-मोट सटोरियों का चालान कर उन्हें जेल भेज दिया है, लेकिन जेल से छूटने के बाद सटोरी सट्टे का कारोबार दोबारा करने लगते हैं।  इस सम्बन्ध सआदतगंज प्रभारी ने बताया कि वायरल हो रहे वीडियो की जानकारी नहीं हैं। हालांकि उन्होंने यह बात स्वीकार की है। सआदतगंज क्षेत्र में सट्टे का कारोबार चोरी छिपे संचालित होता है। शिकायत मिलने पुलिस सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई करती है।

आसानी से छूट जाते है सटोरी

हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुहेल अहमद के मुताबिक, शर्त लगाकर जुआ और सट्टा खेलने वालों का धारा 13 के तहत चालान किया जाता है। जबकि घर में सट्टा करवाने या जुए का अड्डा चलाने पर 3/4 के तहत चालान होता है। जमानतीय अपराध होने के कारण सटोरिये आसानी से अदालत से छूट जाते हैं। जुआ खेलना व सट्टा लगाने पर कम से कम एक साल की सजा के साथ 1000 रूपये जुर्माना होता है।

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