मोदी नीत सरकार के नौ साल में प्रति भारतीय कर्ज 2.53 गुना बढ़ा: कांग्रेस

मोदी नीत सरकार के नौ साल में प्रति भारतीय कर्ज 2.53 गुना बढ़ा: कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में देश में कर्ज, बेरोजगारी और असमानता बढ़ी है तथा पिछले नौ साल में प्रत्येक भारतीय पर कर्ज 2.53 गुना बढ़ गया है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि ‘‘मोदीनॉमिक्स’’ के कारण सरकार के कर्ज में भारी वृद्धि ने आम लोगों को कुचल दिया है क्योंकि 2014 से प्रति भारतीय कर्ज 43,124 रुपये से बढ़कर 1,09,373 रुपये हो गया है।

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘‘दोस्त’’ ‘‘जेब काटते रहे’’ क्योंकि मीडिया ने जनता का ध्यान भटकाया। गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘महामारी के दौरान, प्रधानमंत्री के ‘फेवरेट मित्र’ की सम्पत्ति 8 गुना कैसे बढ़ी? एक साल में प्रधानमंत्री के ‘फेवरेट मित्र’ की सम्पत्ति 46 प्रतिशत कैसे बढ़ी? मीडिया जनता का ध्यान भटकाती रही, प्रधानमंत्री के ‘मित्र’ जेब काटते रहे। गरीबों की कमाई ‘मित्रों’ ने चुराई।’’

वल्लभ ने आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले शासन के तहत के-आकार की रिकवरी देखी है और सवाल किया कि पिछले नौ वर्षों में प्रति भारतीय ऋण में 2.53 गुना वृद्धि क्यों देखी गई। वल्लभ ने कहा, ‘‘1947 से 31 मार्च 2014 तक भारत सरकार का कुल कर्ज बढ़कर 55.87 लाख करोड़ रुपये रहा।

पिछले नौ वर्षों में यह 2.77 गुना बढ़कर 155.31 लाख करोड़ रुपये क्यों हो गया?’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्यों उधार लिया गया पैसा के-आकार के प्रतिलाभ (रिकवरी) में मदद कर रहा है, जबकि 50 प्रतिशत आबादी के पास देश की कुल संपत्ति का तीन प्रतिशत हिस्सा है और वह जीएसटी के 64 प्रतिशत का भुगतान कर रही है?’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी नीत सरकार हमारी आने वाली पीढ़ियों को कर्ज में डूबा रही है। पिछले नौ वर्षों में प्रति भारतीय कर्ज 43,124 रुपये से बढ़कर 1,09,373 रुपये हो गया। मोदी नीत सरकार के पिछले नौ वर्षों में प्रति भारतीय ऋण 2014 की तुलना में 2.53 गुना अधिक हो गया है।’’ वल्लभ ने कहा कि ‘ऑक्सफैम’ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सबसे धनी पांच प्रतिशत लोगों के पास देश की 60 प्रतिशत से अधिक संपत्ति है, जबकि नीचे की आधी आबादी (50 प्रतिशत) के पास केवल तीन प्रतिशत संपत्ति है।

वर्ष 2002 के गोधरा दंगों पर बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री तक पहुंच को रोकने के सरकार के कदम से संबंधित सवाल पर, वल्लभ ने कहा, ‘‘मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया के समान भारत सरकार की एक योजना है जिसे ‘ब्लॉक इन इंडिया’ कहा जाता है। सरकार नहीं चाहती कि कठिन सवाल पूछे जाएं। अगर बीबीसी का मुख्यालय दिल्ली में होता, तो ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) अब तक उसके दरवाजे पर होता।’’

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