मुरादाबाद : अदालत में हाजिर न होने पर सीओ का वेतन रोकने का आदेश

2008 में थाना कुन्दरकी क्षेत्र में हुई वकील की हत्या के मामले में हैं विवेचना अधिकारी, मौजूदा समय में लखीमपुर खीरी जनपद में धौरेहरा सर्किल के हैं क्षेत्राधिकारी

मुरादाबाद : अदालत में हाजिर न होने पर सीओ का वेतन रोकने का आदेश

मुरादाबाद, अमृत विचार। समन तामील करने के बाद भी अदालत में पेश नहीं होने पर कोर्ट ने विवेचना अधिकारी का वेतन रोकने का आदेश दिया है। विवेचना अधिकारी वर्तमान में लखीमपुर खीरी जनपद के धौरेहरा सर्किल  के क्षेत्राधिकारी हैं।

कुंदरकी थाने में 31 जुलाई 2008 को ग्राम सीलपुर निवासी मोहम्मद फारुख खान एडवोकेट ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें उन्होंने बताया था कि वह अपनी मोटरसाइकिल से घर लौट रहे थे। उनके आगे बड़ा भाई सलाहुद्दीन खान भी अपनी मोटरसाइकिल से चल रहा था। नानपुर स्कूल के आगे भट्टे के पास तीन अज्ञात लोग अचानक मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए और सलाहुद्दीन को गोली मार दी। 

आनन-फानन में घायल सलाहुद्दीन को जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस मुकदमे की विवेचना तत्कालीन क्षेत्राधिकारी प्रीतम पाल सिंह ने की थी। इस समय वह लखीमपुर खीरी के धौरेहरा सर्किल के क्षेत्राधिकारी हैं। यह मामला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय सरोज कुमार यादव की अदालत में विचाराधीन है। 

अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता मनीष भटनागर ने बताया कि मुकदमे के विवेचक प्रीतमपाल सिंह को अदालत ने कई बार समन जारी किए गए। उन्होंने समन तामील भी कर लिए मगर फिर भी वह साक्ष्य पेश करने के लिए अदालत में पेश नहीं हुए। इस नाफरमानी को देखते हुए अदालत ने जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी को क्षेत्राधिकारी प्रीतम पाल सिंह के वेतन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है।

ये भी पढ़ें:- लखीमपुर खीरी हिंसा मामला: न्यायालय ने आशीष मिश्रा को आठ हफ्ते की अंतरिम जमानत दी