50 हजार से ज्यादा फोरेंसिक वैज्ञानिकों की जरूरत: अमित शाह

50 हजार से ज्यादा फोरेंसिक वैज्ञानिकों की जरूरत: अमित शाह

हुबली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि छह साल से अधिक कारावास की सजा वाले अपराधों के लिए फॉरेंसिक साक्ष्य को अनिवार्य बनाने के केंद्र के कदम के लिए देश भर में 50,000 से अधिक फोरेंसिक वैज्ञानिकों की आवश्यकता होगी। शाह ने यहां कहा, हम छह साल से अधिक कारावास के साथ दंडनीय सभी अपराधों के लिए फोरेंसिक साक्ष्य अनिवार्य करने जा रहे हैं। इसके लिए 50,000 से अधिक फोरेंसिक वैज्ञानिकों की आवश्यकता होगी और फोरेंसिक विज्ञान में प्रशिक्षित होने से विज्ञान के छात्रों के लिए बहुत सारे अवसर पैदा होंगे। 

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शाह यहां केएलई टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (केएलईटीयू) के इनडोर स्टेडियम का उद्घाटन करने और बीवीबी अमृत महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, फोरेंसिक विज्ञान जल्द ही देश में एक प्रमुख क्षेत्र होगा। शाह ने कहा कि नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) की स्थापना फॉरेंसिक साइंस फील्ड के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए की गई है। 

उन्होंने कहा कि धारवाड़ में एनएफएसयू की ऑफ-कैंपस सुविधा गांधीनगर स्थित एनएफएसयू का सातवां कैंपस है और यह युवाओं के लिए अवसर भी पैदा करेगा। बाद में, शाह ने धारवाड़ में एनएफएसयू ऑफ-कैंपस सुविधा के लिए आधारशिला रखी। शाह ने युवाओं के लिए ‘मोदी की दृष्टि’, शैक्षणिक संस्थानों की संख्या बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों और अन्य कार्यक्रमों के बारे में भी बात की। 

भारत के आर्थिक विकास का उल्लेख करते हुए, उन्होंने युवाओं से 2047 तक देश को सभी क्षेत्रों में नंबर एक बनाने और इस संबंध में मोदी की अपील का जवाब देने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया। इससे पहले केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के यहां पहुंचने पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी एवं प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नलिन कुमार कटील और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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