बांदा : फ्राड गैंग ने जल शक्ति राज्यमंत्री के छुड़ाए पसीने

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Published By Virendra Pandey
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जेपी नड्डा के सहयोगी का भाई बताकर काम को बनाया था दबाव

अमृत विचार,बांदा। सक्रिय फ्राड गैंग सदस्य ने अपने को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सहयोगी का भाई बताकर प्रदेश सरकार के जल शक्ति राज्यमंत्री को फोन कर गलत काम करने का दबाव बनाकर ब्लैकमेल करने का प्रयास किया। राज्यमंत्री ने मोबाइल नंबर के खिलाफ अपने कार्यकर्ता के नाम से एफआईआर दर्ज करा दी है। पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी हुई हैं। 

तिन्दवारी विधायक व जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद के निजी मोबाइल नंबर पर बधाई मैसेज आया। इसके बाद 23 जनवरी को किसी को मिलने आने के लिए मैसेज किया गया था। 25 जनवरी को फिर उसी नंबर से मैसेज किया गया कि मेरा भाई आपसे मिलने आ रहा है। इसी क्रम में 2 फरवरी को मर्का थाना इलाके के राजमोहन सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति उनके पास पहुंचे और खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सहयोगी आदित्य द्विवेदी का भाई बताकर काम का ब्योरा दिया।

उस काम को जल्द से जल्द निस्तारण करने का दबाव बनाया और बंदूक का लाइसेंस बनवाने के लिए प्रार्थना पत्र देकर चले गए। इस प्रक्रिया के बाद 2 फरवरी को व्हाट्एप के माध्यम से कई धमकी भरे वाइस मैसेज करके मंत्री पर दबाव बनाने और काम न करने पर शिकायत करने की धमकी दी गई। इस वाइस मैसेज ने राज्यमंत्री के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी और वह बुरी तरह परेशान भी हो गए। जिसके परिणामस्वरूप कई काम बाधित भी हो गए। इधर, राज्यमंत्री ने कई बार उन नंबरों पर फोन भी किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। ट्रूकॉलर में आदित्य द्विवेदी जेपी नड्डा लिखकर आ रहा था। 6 फरवरी को भी उसी नंबर से मैसेज आया कि उन कार्यो का क्या हुआ ?  इससे मंत्री और ज्यादा परेशान हो गए। उन व्यक्तियों द्वारा मंत्री को दबाव में लेकर गलत कार्य करने का दबाव बनाया गया।

जब उक्त नंबर की सत्यता की जांच कराई गई तो मंत्री के भी होश उड़ गए। जानकारी पर पता चला कि उक्त लोग ट्रूकॉलर में फर्जी आईडी बनाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं। राज्यमंत्री ने अपने भाजपा संयोजक की तरफ से थाना कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई है। इस संदर्भ में राज्यमंत्री से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उनका नंबर व्यस्त बताता रहा। वहीं कोतवाली प्रभारी श्यामबाबू शुक्ला ने बताया कि एक व्यक्ति राज्यमंत्री को फोन और व्हाट्सअप के माध्यम से गलत काम कराने का दबाव बना रहा था। जिस पर शिकायत मिलने पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। मोबाइल नंबर को ट्रेस किया जा रहा है।

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