हरदोई में बेटी की डोली उठने के बाद निकली पिता की अर्थी, खबर पढ़कर नम हो जाएंगी आपकी आंखें

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Published By Jagat Mishra
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हरदोई, अमृत विचार। हंसी-खुशी बेटी को उसकी ससुराल विदा करने का अरमान रखने वाला पीहर बेटी को रुख्सत करने से पहले खुद ही इस दुनिया से रुखसत हो गया। ऐसा होने से खुशियों के आंगन में मौत का मातम बरपा हो गया। घर में एक तरफ बाप की अर्थी रखी थी और दूसरी तरफ बेटी के फेरे पड़ रहे थे।शादी की सारी रस्में पूरी हुई और फिर बेटी की डोली निकाली गई। उसके पीछे ही उसके बाप की अर्थी निकली।

बताया गया है कि वह टड़ियावां थाने के कस्बा गोपामऊ के मोहल्ला कन्नौजी पश्चिमी निवासी राकेश शर्मा ने अपनी बेटी उमा की शादी साण्डी थाने के जलपीपुर निवासी मोहित शर्मा के साथ तय की थी। राकेश बीमार चल रहा था। बुधवार को बारात आनी थी, लेकिन उससे कुछ घंटे पहले मंगलवार की शाम को राकेश शर्मा की सांसें थम गई। इसका पता जब मोहित और उसके घर वालों को हुआ, वहां भी खुशियां मातम में बदल गई। मोहित बुधवार को गिने-चुने लोगों के साथ राकेश के घर पहुंचा। वहां एक तरफ राकेश की अर्थी रखी थी और दूसरी तरफ मोहित ने उमा संग अग्नि के सात फेरे ले कर उसे अपनी अर्धांगिनी बनाना कुबूल किया। इस दौरान मौलाना हसन, राजकुमार गुप्ता, मौलाना इमरान व बब्बे खां मौजूद रहे। उससे पहले निवर्तमान चेयरमैन प्रतिनिधि ने दूल्हे मोहित शर्मा को राधा-कृष्ण का चित्र भेंट किया।

इधर बेटे का तिलक चढ़ा,और उधर थम गईं बाप की सांसें 
खूब-सारी चकाचौंध के बीच तिलक चढ़ चुका था,सभी लोग एक-दूसरे से हंस-बोल रहे थे, लेकिन उसी बीच दूल्हे के बाप की अचानक तबियत बिगड़ गई,कोई कुछ समझ पाता,इससे पहले उसकी मौत हो गई। ऐसा होने से वहां मौजूद सभी नाते-रिश्तेदार हक्का-बक्का रह गए।

बताया गया है कि मंगलवार को सुरसा थाने के खजुरहरा निवासी विवेक मिश्रा का तिलक समारोह था। सारे नाते-रिश्तेदार और मेहमान,सब के सब खुशियों के सागर में गोते लगा रहे थे। तिलक की सारी रस्में हो चुकी थी। इसी बीच विवेक के पिता विनोद की तबियत बिगड़ गई,उसे इलाज के लिए कहीं ले जाया जाता, उससे पहले ही उसकी मौत हो गई। तिलक चढ़ने की सारी खुशियां ग़म की चादर में लिपट गई।


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