केरल: CM के पूर्व सचिव शिवशंकर ने दिया लाइफ मिशन मामले में सहयोग 

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली/कोच्चि। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर ने 2019 के लाइफ मिशन ‘घोटाले’ में कथित रूप से रिश्वत के रूप में कमीशन जुटाने में ‘सक्रिय सहयोग’ दिया।

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शिवशंकर को लंबे पूछताछ सत्र के बाद 14 फरवरी को कोच्चि में संघीय जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया और एक अदालत ने उन्हें 20 फरवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए। उन्हें इससे पहले 2020 में एक राजनयिक सामान के माध्यम से सोने की कथित तस्करी से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।

लाइफ (आजीविका समावेशन वित्तीय सशक्तिकरण) मिशन से संबंधित नवीनतम धन शोधन मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी और केरल सरकार के सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) की शिकायत से जुड़ा है, जो यूनिटेक बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और साने वेंचर्स एलएलपी के खिलाफ है।

मामला लाइफ मिशन परियोजना से कुछ व्यक्तियों द्वारा प्राप्त संदिग्ध आर्थिक लाभ और कुछ लोक सेवकों सहित विभिन्न व्यक्तियों द्वारा प्राप्त अवैध रिश्वत से जुड़ा है। ईडी ने एक बयान में कहा कि रेड क्रिसेंट नाम के यूएई-आधारित एक धर्मार्थ संगठन ने तिरुवनंतपुरम में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के महावाणिज्य दूतावास से केरल में एक करोड़ दिरहम का कोष दान करने की पेशकश की।

ईडी ने कहा कि महावाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने रेड क्रिसेंट द्वारा दी गई धनराशि के संबंध में शिवशंकर के माध्यम से केरल सरकार से संपर्क किया, और कई बैठकों के बाद, वडक्कनचेरी नगरपालिका क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए इन कोष के साथ लाइफ मिशन परियोजना के तहत फ्लैट बनाने का निर्णय लिया गया।

एजेंसी ने 15 फरवरी को शिवशंकर की हिरासत का अनुरोध करते हुए अदालत को सौंपे गए अपने नोट में, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और स्वप्ना सुरेश (सोना तस्करी मामले में आरोपी) के बीच वाट्सऐप के कुछ संवाद को जोड़ा। एजेंसी के मुताबिक संवाद ‘‘यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि रिश्वत के रूप में अग्रिम कमीशन के जरिए अनुबंध के आवंटन और अपराध की आय के सृजन में सरकारी प्रतिनिधियों को शामिल करने वाला एक बड़ा गठजोड़ था।’’

वडक्कनचेरी के कांग्रेस विधायक अनिल अक्कारा और कांग्रेस आरोप लगाते रहे हैं कि रेड क्रिसेंट द्वारा ठेकेदार के चयन में भ्रष्टाचार हुआ। परियोजना में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा गर्मा गया था जब विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि स्वप्ना सुरेश ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत के समक्ष स्वीकार किया कि उन्होंने परियोजना से कमीशन के रूप में 1 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे।

सुरेश ने कथित तौर पर दावा किया था कि पैसा शिवशंकर के लिए था। हालांकि, लाइफ मिशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने अदालत में कहा था कि यूनिटेक और साने वेंचर्स ने रेड क्रिसेंट द्वारा उनके साथ किए गए समझौते के आधार पर निर्माण किया था और रेड क्रिसेंट से सीधे विदेशी योगदान स्वीकार किया था, जो एक विदेशी एजेंसी है। रिश्वत के लिए सहयोग 

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