नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद: अमित शाह

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Published By Om Parkash chaubey
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लौरिया (बिहार)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ छोड़कर कांग्रेस और राजद से हाथ मिलाया है। शाह ने कहा कि नीतीश कुमार की यह महत्वाकांक्षा ‘‘प्रत्येक तीन वर्ष में जोर पकड़ लेती है।’’

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भाजपा के वरिष्ठ नेता शाह ने पश्चिम चंपारण जिले के लौरिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि कुमार राजद नेता तेजस्वी यादव को अगला मुख्यमंत्री बनाने के लिए सहमत हो गए हैं और कहा कि उन्हें घोषणा करनी चाहिए कि वह वह ऐसा कब करना चाहते हैं। बाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित जनसभा में शाह ने कुमार पर बिहार को 'जंगल राज' में धकेलने का आरोप लगाया जिसके लिए वह पूर्ववर्ती कांग्रेस और राजद शासन को दोषी ठहराया करते थे।

शाह ने कहा, ‘‘आया राम, गया राम अब बहुत हुआ, नीतीश कुमार के लिए पार्टी के दरवाजे अब हमेशा के लिए बंद हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जय प्रकाश नारायण के दिनों से कांग्रेस और 'जंगलराज' के खिलाफ जीवन भर संघर्ष करने के बाद अब नीतीश कुमार बिहार में 'जंगलराज' लाने वाले लालू प्रसाद की गोद में और सोनिया गांधी के चरणों में बैठ गए हैं।

वह प्रधानमंत्री पद की अपनी महत्वाकांक्षा के लिए 'विकासवादी' से 'अवसरवादी' बन गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बहुत हुआ 'आया राम, गया राम', नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं।’’ शाह ने कुमार की पार्टी पर नये गठबंधन सहयोगी के हावी होने की आशंकाओं की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए कहा कि पानी और तेल मिल नहीं सकते। इसलिए, यहां जो राजद है वह तेल की तरह सतह पर तैरता है जबकि जद (यू) पानी की तरह नीचे रहता है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले साल गठबंधन बनाने के समय, जद (यू) नेता ने राजद प्रमुख प्रसाद के साथ उनके बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए एक "गुप्त समझौता" किया था। शाह ने परोक्ष तौर पर उपेंद्र कुशवाहा के हाल ही में जदयू छोड़ने की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘इससे जद (यू) में ही बहुत भ्रम उत्पन्न हो गया है।’’ शाह ने कहा, ‘‘लोगों के मन में भी संदेह उत्पन्न हो गया है।

यदि उन्होंने (कुमार) इस तरह का समझौता किया है, तो उन्हें उस तारीख को सार्वजनिक करना चाहिए जिस दिन वह अपने कनिष्ठ को प्रभार सौंपना चाहते हैं और राज्य को 'जंगल राज' में धकेलना चाहते हैं जिसे उन्होंने जड़ से उखाड़ने की कसम खाई थी।’’ केंद्रीय गृहमंत्री ने याद दिलाया कि भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनावों में जद (यू) की तुलना में कहीं अधिक सीटें जीती थीं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुमार को एक और कार्यकाल के लिए समर्थन देने का अपना वादा निभाया।

भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले शाह ने कहा, ‘‘नीतीश और लालू बिहार को पिछड़ेपन के भंवर से बाहर नहीं निकाल सकते। यह सही समय है कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में अपनी सरकार बनाए। अगले लोकसभा चुनाव में इसे साबित कर दिखाएंगे।’’ केंद्रीय गृह मंत्री ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा राज्य को प्रदान की जाने वाली केंद्रीय सहायता का भी उल्लेख किया और दावा किया कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग के शासन के दौरान बिहार को मिलने वाली मदद से कहीं अधिक है, जिसमें लालू प्रसाद स्वयं एक मंत्री थे।

उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश कुमार बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन को नहीं रोक सकते। 2024 में फिर से नरेंद्र मोदी को दो-तिहाई बहुमत से चुनें और हम इस तरह के प्रयासों पर रोक लगाएंगे।’’ लगभग आधे घंटे के अपने भाषण में, शाह ने सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट हवाई हमले, अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त करने और इस्लामी संगठन पीएफआई पर प्रतिबंध जैसे साहसिक कदमों का भी उल्लेख किया।

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