हल्द्वानीः गौला में अब 31 मई तक होगा चुगान, लक्ष्य दो सौ करोड़ रुपये

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Published By Shobhit Singh
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हल्द्वानी, अमृत विचार। सरकार की आय के बड़े स्रोत गौला नदी में चुगान की अवधि केंद्र सरकार ने बढ़ा दी है। अब गौला नदी में 31 मई तक चुगान किया जा सकेगा, ताकि राज्य सरकार के दो सौ करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य हासिल किया जा सके। हालांकि, यह लक्ष्य नामुमकिन है और क्रशर स्वामियों व डंपर मालिकों के बीच लगा रेट का अड़ंगा अभी भी अड़ा हुआ है।
 
बता दें, हर साल एक अक्टूबर से गौला में चुगान का काम शुरू होता है, जो 31 मई तक चलता है। हालांकि, इसी वर्ष 23 जनवरी को चुगान लीज खत्म होने की वजह से व्यवधान पड़ा, जिसे सरकार ने 28 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया। राज्य सरकार ने महकमे को नदी से 200 करोड़ का लक्ष्य दिया था। जिसके तहत गौला से 36 लाख घन मीटर उपखनिज निकाला जाना था और 28 फरवरी तक दो सौ करोड़ के सापेक्ष सिर्फ पांच करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हो सकी। राजस्व हासिल करने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से निवेदन किया था और केंद्र सरकार ने अंतिम दिन यानी 28 फरवरी को चुगान की अनुमति 31 मई तक बढ़ा दी। हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि अगर सब कुछ ठीक भी रहा तो भी दो सौ करोड़ रुपए के राजस्व लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता। 
 
वहीं, वन निगम के डीएलएम आनंद कुमार ने 28 फरवरी को चुगान बंद होना था, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से चुगान को 31 मई तक जारी रखने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। राज्य सरकार ने दो सौ करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य रखा है, जिसे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। 

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ओवरलोडिंग पर रोक, सरकार की उम्मीदों को झटका
बीते चार माह तक गौला में उप खनिज निकासी प्रभावित रही। इसकी भरपाई हो सके इसके लिए शासन ने ओवरलोडिंग का शासनादेश जारी कर दिया, लेकिन न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी है। रोक लगने से गौला से राजस्व वसूली की भरपाई की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। गौला से प्रतिवर्ष 300 करोड़ का राजस्व सरकार को मिलता है, लेकिन इस बार 60 हजार घन मीटर चुगान होने से राजस्व वसूली महज 10 फीसदी हो पाई है। पिछले वर्षों के मुकाबले अभी 37 लाख घनमीटर में खनन किया जाना शेष है। 

डंपर और क्रशर मालिकों के बीच रार से गेट बंद
ढुलान के रेट को लेकर कुछ डंपर मालिकों और क्रशर मालिकों के बीच ठनी हुई है। जिसके चलते लालकुआं में चुगान पूरी तरह प्रभावित है। डंपर मालिकों मोटाहल्दू, बेरी पड़ाव, हल्दूचौड़, देवरामपुर, लालकुआं और शांतिपुरी गेट को पूरी तरह बंद रखा है और आगे भी गेट बंदी की उम्मीद बनी हुई है। अब चुगान के लिए सिर्फ 70 दिन बचे हैं। ऐसे में शीशमहल, राजपुरा, आंवला चौकी, गोरापड़ाव और तीन बग्गी गेटों से ज्यादा से ज्यादा 20 से 25 लाख घन मीटर उप खनिज और निकाला जा सकेगा। 

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