बरेली: एथेनॉल उत्पादन से बदल रही चीनी मिलों की किस्मत
बहेड़ी और फरीदपुर की मिलों ने 200 लाख लीटर का किया उत्पादन
बरेली, अमृत विचार। आर्थिक तंगी से गुजर रही चीनी मिलों में एथेनॉल का उत्पादन मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है। बहेड़ी और फरीदपुर की चीनी मिलों में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा मिलने से किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान भी समय पर हो रहा है। दोनों चीनी मिलों ने अब तक 201 लाख लीटर एथेनॉल तैयार किया है। जिसकी यूपी के अलावा उतराखंड में सप्लाई की जा रही है।
गन्ना विभाग के अधिकारी बताते हैं जनपद में फरीदपुर, बहेड़ी, मीरगंज, नवाबगंज, सेमीखेड़ा चीनी मिले हैं। इनमें फरीदपुर की द्वारिकेश और बहेड़ी की केसर इंटरप्राइजेज चीनी मिल में कारखाने लगे हैं। फरीदपुर की चीनी मिल में प्रतिदिन 1.75 लाख लीटर और बहेड़ी की मिल में 50 हजार लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया जा रहा है। डीसीओ यशपाल सिंह बताते हैं कि एथेनॉल को ग्रीन फ्यूल भी कहा जाता है। मीरगंज स्थिति चीनी मिल में प्लांट लगाने का बात कही जा रही है।
पेट्रोल के दामों में भी देखी जाएगी गिरावट
अधिकारी बताते हैं कि पेट्रोल की लगातार बढ़ रही कीमतों से आम जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए पेट्रोल के विकल्प के रूप में एथेनॉल को लाने का प्रयास किया जा रहा है। पहले पेट्रोल में जहां सिर्फ पांच प्रतिशत एथेनॉल मिलाने की मंजूरी थी। अब इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। पेट्रोल की तुलना में एथेनॉल बहुत सस्ता है। अब शत-प्रतिशत एथेनॉल से ही चलने वाले इंजन भी तैयार किए जा रहे हैं।
ये भी पढ़ें- बरेली: इलेक्ट्रिक इंजन करा रहा इज्जत नगर मंडल को 28 करोड़ की बचत
