मुरादाबाद : पीतल की पिचकारी का देश-विदेश में क्रेज, लाखों का हुआ कारोबार....कारोबारियों में उत्साह

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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निर्यातकों को दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद से मिला है अग्रिम बुिकंग

बर्तन बाजार में पीतल की पिचकारी देखते ग्राहक।

मुरादाबाद, अमृत विचार। होली पर पीतल नगरी के पिचकारी की मांग देश-विदेश तक है। दिल्ली-मुंबई, हैदराबाद तक पीतल की पिचकारी से होली खेलने के लिए लोग अग्रिम बुकिंग कर खरीदारी कर रहे हैं। यही नहीं कई धार्मिक नगरों में संतजन अपने आराध्य और भक्तों के साथ पीतल की पिचकारी से होली खेलते हैं। वृंदावन के बाल गोपाल पर भी यही की पीतल की पिचकारी से रंगों की बौछार होती है। 

होली पर शहर के बर्तन बाजार, मंडी चौक, नवीन नगर, हरथला, गुरहट्टी सहित कई अन्य बाजारों में पीतल की पिचकारी के साथ ही अन्य सामानों की बिक्री हो रही है। कारोबारियों का कहना है कि पीतल के सांचे और पीतल की पिचकारी की मांग बहुत है।

पीतल के दाम बढ़ने से पिचकारी के बनाने की लागत भी 15 प्रतिशत तक बढ़ गई है। अब पिचकारी 550 रुपये से लेकर 2000 से लेकर 2500 रुपये तक मिल रही है। पंप वाली पीतल की पिचकारी का क्रेज अधिक है। निर्यातकों को पीतल के पिचकारी के आर्डर होली से काफी  पहले ही मिल गए थे। दिल्ली, हैदराबाद, गुजरात, मथुरा, वृंदावन से आए आर्डर को पूरा करने में कारीगर और कारोबारी दिन-रात लगे रहे। वहीं स्थानीय बाजारों में भी इसकी उपलब्धता रखने के लिए दो शिफ्ट में कारीगरों से काम कराया जा रहा है। 

पीतल के परंपरागत कारोबार से जुड़े राहुल अग्रवाल ने बताया कि पीतल की पिचकारी मुरादाबाद की 100 वर्ष से अधिक पुरानी परंपरा है। इसकी विशेषता यह है कि यह पीतल की पिचकारी को कई साल तक प्रयोग किया जा सकता है। क्योंकि यह शुद्ध पीतल की होती है। इसलिए खराब नहीं होती। 

संत महात्मा भी मंगाते हैं पीतल की पिचकारी
मुरादाबाद। कई धार्मिक नगरों से संत, महात्मा भी अपने आराध्य, संतजनों और भक्तों के साथ होली खेलने के लिए पीतल की पिचकारी मुरादाबाद से मंगाते हैं। उनकी तरह अन्य कारोबारियों के पास भी आर्डर काफी पहले आ जाते हैं। 

हर साल होता है लाखों रुपये का कारोबार
मुरादाबाद। राहुल अग्रवाल का कहना है कि पीतल की पिचकारी का कारोबार हर साल लाखों रुपये का होता है। क्योंकि यहां पर कई बड़े कारोबारी और निर्यातक हैं जिनके बनाए पीतल की पिचकारी की मांग विदेशों में भी है।

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