संभल : ऑनलाइन भुगतान के बाद ही होंगे जमीनों के बैनामे, पारदर्शिता लाने के लिए महानिरीक्षक निबंधन ने जारी किया फरमान
जमीन या मकान खरीदने पर धनराशि का भुगतान ऑनलाइन करने की व्यवस्था लागू, ऑनलाइन भुगतान का दस्तावेज भी बैनामे की पत्रावली में लगाना अनिवार्य
गौरव वर्मा,अमृत विचार। जमीन या मकान खरीदने का मन बना रहे हैं तो जमीन की कीमत की धनराशि का ऑनलाइन भुगतान करने के लिए भी तैयार हो जाइए। नई व्यवस्था के तहत बैनामा तभी हो सकेगा जबकि विक्रेता को जमीन की कीमत उसके बैंक खाते में ऑनलाइन कर दी जाएगी। भुगतान का प्रूफ बैनामे की पत्रावली में लगाने के साथ ही संबंधित व्यवस्था का जिक्र भी होगा।
निबंधन विभाग की पूर्व व्यवस्था के तहत जमीनों और मकानों की खरीद फरोख्त होने पर जमीन की कीमत का नकद भुगतान की व्यवस्था थी। विक्रेता और क्रेता रजिस्ट्री कार्यालय में खड़े होकर कह देते थे कि कीमत का लेनदेन हो गया है और बैनामे हो जाते थे। स्थानीय अधिकारियों के अलावा शासन तक तमाम ऐसी शिकायतें पहुंचती थीं कि जमीन या मकान बेचने पर धनराशि का भुगतान नहीं किया गया। वहीं कालेधन से जमीन की खरीद फरोख्त के मामले भी सामने आते थे। शासन तक मामला पहुंचने पर बैनामे की व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
महानिरीक्षक निबंधन ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जमीन या मकान के बैनामे को लेकर कीमत का जो भी भुगतान होगा वह चेक, ड्राफ्ट या फिर आरटीजीएस व्यवस्था के तहत कराया जाएगा। इतना ही नहीं, रकम भुगतान का दस्तावेज भी बैनामे की पत्रावली में लगाया जाएगा और भुगतान की व्यवस्था का जिक्र भी होगा। यह व्यवस्था धोखाधड़ी रोकने, कैश ट्रांजक्शन पर अंकुश लगाने व आर्थिक क्षति से बचाव और पारदर्शिता लाने के मद्देनजर की गई है।
संभल जनपद में लागू हुई नई व्यवस्था
संभल। संभल जिले की तहसील संभल, चंदौसी और गुन्नौर में नई व्यवस्था के तहत ही निबंधन विभाग बैनामा प्रक्रिया पूर्ण करा रहा है। नई व्यवस्था से जहां खरीदार पर इस बात का प्रूफ होगा कि उसने रकम का भुगतान कर दिया है, वहीं विक्रेता भी भविष्य में भुगतान को लेकर कोई शिकायत नहीं कर पाएगा।
बैनामा कराने पर ऑनलाइन रकम भुगतान की व्यवस्था ठीक है। इस व्यवस्था से बैनामा प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी लेकिन काश्तकारों की दिक्कतों का भी समाधान होना चाहिए। काश्तकारों को बैंक में बिना वजह परेशान न किया जाए। जितना हो सके आसानी से ऑनलाइन रकम भुगतान की व्यवस्था पूर्ण कराई जानी चाहिए।- प्रदीप कुमार गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता
नई व्यवस्था में धनराशि का भुगतान चेक, ड्राफ्ट या आरटीजीएस द्वारा किया जाना है। पक्षकार से अनावश्यक धोखाधड़ी, आर्थिक क्षति से बचाव और पारदर्शिता लाने के लिए यह व्यवस्था की गई है। लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। ऑनलाइन भुगतान करेंगे तो उनके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी। -मुकेश कुमार सागर, एआईजी स्टाम्प संभल
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