नैनीताल: 2046 में पृथ्वी से टकराएगा नया क्षुद्रग्रह ! इस दिन है टकराने की प्रबल संभावना
नैनीताल, अमृत विचार। पिछले सप्ताह खोजे गए एक नए क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की आशंका जताई जा रही है। इसका नाम क्षुद्रग्रह 2023 डीडब्लू दिया गया है। 2046 में इसके टकराने को लेकर वैज्ञानिक इससे बचने के उपाय के साथ इसकी सटीक गणना करने में जुट गए हैं।
27 फरवरी को खगोलविदों ने इस नए क्षुद्रग्रह की खोज की। जिसे उन्होंने 2023 डीडब्लू का नाम दिया है। ईएसए संस्था इसे नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट कोऑर्डिनेशन सेंटर इसे पृथ्वी से टकराने की सूची में दर्ज करने जा रहा है। 14 फरवरी 2046 को टकराने की 99.8 फीसदी संभावना है।
कुल मिलाकर शत प्रतिशत टकराने की संभावना नहीं है। बहरहाल इस ऐस्टरॉइड को लेकर वैज्ञानिकों के बीच चर्चा तेज होने लगी है। कुछ वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि इतनी जल्दी इसके टकराने का पूर्वानुमान व्यक्त करना जल्दबाजी होगी। क्योंकि अभी 23 साल का समय शेष है। इतने लंबे अंतराल में इसकी ऑर्बिट भी बदल सकती है और संभव है कि यह लापता हो जाए।
इतालवी खगोलशास्त्री पिएरो सिकोली ने इसके प्रभाव को लेकर गणना की है। यह क्षुद्रग्रह 165 फीट यानी 50 मीटर व्यास का है। अगर यह धरती से टकराया तो एक बड़ा निशान छोड़ेगा। यहां यह भी जान लीजिए कि रूस के चेल्याबिंस्क में 2013 में टकराने वाला उल्का पिंड आकार में इसके आधे से भी कम था।
वह हवा में विस्फोट कर गया था। जिसने हजारों लोगों को घायल कर दिया था और मकानों को क्षति पहुंचाई थी। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि इसे जोखिम भरे पिंडों की सूची के लिए अनिश्चित कक्षाओं वाले नए खोजे गए क्षुद्रग्रहों के लिए यह पूरी तरह से असामान्य नहीं है।
सौभाग्य से यह छोटा है और पहले से ही पृथ्वी से टकराने की बहुत कम संभावना है। बहरहाल इस क्षुद्रग्रह ने वैज्ञानिकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। लिहाजा इस पर पल-पल नजर रहेगी।
एपोफिस क्षुद्रग्रह के टकराने की संभावना हुई खारिज
नैनीताल। क्षुद्रग्रह एपोफिस की एक दशक पहले पृथ्वी से टकराने की संभावना जताई गई थी। इसका आकार लगभग आधा किमी का था। 2029 में इसके टकराने की संभावना जताई थी। इसके बाद की गई गणना में अनुमान लगाया गया कि 2036 में टकराएगा। मगर इसके बाद नासा के वैज्ञानिकों की गणना ने इसके टकराने की संभावना को खारिज कर दिया।
