कौन हैं 'ब्लॉक' की भारतीय मूल की सीएफओ अमृता आहूजा? जिनका हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में हुआ जिक्र 

Amrit Vichar Network
Published By Vishal Singh
On

वॉशिंगटन। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में यूजर्स और सरकार से धोखाधड़ी करने के आरोप लगने के बाद पेमेंट ग्रुप ब्लॉक ने बयान जारी किया है। ग्रुप ने रिपोर्ट को तथ्यात्मक रूप से गलत' बताया। ब्लॉक ने कहा कि हिंडनबर्ग इस प्रकार के हमलों के लिए जानी जाती है और यह रिपोर्ट निवेशकों को भ्रमित करने के लिए डिजाइन की गई है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ब्लॉक की भारतीय मूल की सीएफओ अमृता आहूजा और अन्य अधिकारियों ने महामारी के दौरान लाखों डॉलर के स्टॉक डंप किए। अमृता ने 2007 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया और जनवरी 2019 में ब्लॉक में शामिल हुईं। उन्होंने मॉर्गन स्टैनली और द वॉल्ट डिजनी कंपनी में काम किया है।

कौन हैं अमृता आहूजा?
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, अमृता आहूजा के माता-पिता भारतीय अप्रवासी हैं, जो क्लीवलैंड उपनगर में एक डेकेयर सेंटर के मालिक हैं। 2000 में अमृता ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस इन इकोनॉमिक्स से डिग्री हासिल की। 2005 से 2007 तक उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए की डिग्री हासिल की। अमृता आहूजा की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वह पिछले 4 साल 3 महीने से ब्लॉक इंक के साथ हैं।

इससे पहले वह Airbnb, McKinsey & Company, डिज्नी जैसी कई बड़ी कंपनियों में काम चुकी हैं. अमृता ने फॉक्स में कार्यरथ होते हुए मशहूर मोबाइल गेम कैंडी क्रश, कॉल ऑफ ड्यूटी जैसे कई फेमस गेम्स के डेवलपमेंट और मार्केटिंग पर भी काम किया है. स्‍क्‍वायर में अमृता आहूजा काम करने के दौरान, कंपनी ने छोटे व्यवसाय के ग्राहकों को ऑनलाइन स्टोरफ्रंट बनाने में मदद की। ताकि कोरोना वायरस महामारी के कारण पैदल यातायात में कमी को पूरा किया जा सके. साल 2022 की फॉर्च्यून की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में अमृता आहूजा का नाम भी शामिल था।

ये भी पढ़ें- Tik Tok: क्या America को टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाना चाहिए?

संबंधित समाचार