मुरादाबाद : परिषदीय स्कूलों के रिजल्ट में रोड़ा बना बजट, 31 मार्च को मौखिक बताए जाएंगे वार्षिक परीक्षा के अंक

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Published By Priya
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मुरादाबाद, अमृत विचार। जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के 1402 स्कूलों में पढ़ रहे 235073 छात्र-छात्राओं के रिजल्ट में बजट रोड़ा बन गया है। वार्षिक परीक्षाएं हो चुकी हैं और 31 मार्च को रिपोर्ट कार्ड का वितरण होना है। बच्चे भी वार्षिक परीक्षाफल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, रिपोर्ट कार्ड के लिए विभाग को शासन से बजट ही नहीं मिला है। लिहाजा छात्र-छात्राओं को मौखिक रूप से वार्षिक परीक्षा के अंक बताकर बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा।
 
प्रदेश सरकार भले ही बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में कान्वेंट स्कूलों की तरह पढ़ाई और सुविधाओं का दावा कर रही है, लेकिन धरातल पर सच्चाई एकदम उलट है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी के साथ ही मूलभूत सुविधाओं तक का अभाव है। जिले में परिषदीय विद्यालयों में 2 लाख 35 हजार 73 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। विद्यालयों में 20 से 24 मार्च तक परीक्षा हुई थी। जिसमें 30 मार्च तक बच्चों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाना है। जबकि 31 मार्च को रिपोर्ट कार्ड यानि रिजल्ट का वितरण किया जाना है। लेकिन, विभाग को अभी तक रिजल्ट तैयार करने के लिए बजट ही नहीं मिला है। इस बार भी स्कूलों में बच्चों को मौखिक रूप से वार्षिक परीक्षा के अंक बताए जाएंगे। 

बेसिक स्कूलों में परीक्षाएं हो चुकी हैं। स्कूलों में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन हो रहा है। 31 मार्च को छात्र-छात्राओं को रिपोर्ट कार्ड दिया जाना था, लेकिन बजट न मिलने की वजह से छात्र-छात्राओं को कक्षाओं में मौखिक रूप से वार्षिक परीक्षा के अंक बताए जाएंगे।- बुद्ध प्रिय सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

कक्षा-8 के बच्चों को होगी परेशानी
वैसे तो बिना रिजल्ट के सभी बच्चों को परेशानी होंगी। क्योंकि बच्चों के पास कक्षा पास करने का प्रमाण नहीं होगा। मगर कक्षा आठ के बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि इन बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए कक्षा-9 में माध्यमिक विद्यालयों में दाखिला लेना है। ऐसे में इन बच्चों का बिना रिजल्ट दिखाए, कैसे दाखिला होगा।

कक्षा एक और दो के लिए खरीदी जाएंगी 1,21,542 किताबें
मुरादाबाद। शिक्षण सत्र 2023-24 में कक्षा एक और दो के विद्यार्थियों के लिए निशुल्क पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति के लिए खरीद का आदेश जारी किया गया है। दोनों कक्षाओं के लिए 1,21,542 पाठ्य पुस्तकें खरीदी जानी हैं। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पढ़ने के लिए 20 लाख किताबें चाहिए।  शैक्षिक सत्र 2023-24 में निशुल्क पाठ्य पुस्तकों के वितरण के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने आदेश दिया था कि कक्षा एक और दो में राष्ट्रीयकृत पाठ्य पुस्तकें वितरित की जानी हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी बुद्ध प्रिय सिंह ने बताया कि एक लाख 21 हजार 542 किताबें खरीदने के लिए आदेश जारी किया गया है। इसमें कक्षा एक की कलरव, उर्दू जबां और कक्षा दो में किसलय, गिनतारा व इल्म ए हिसाब पाठ्य पुस्तकें शामिल हैं। हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू माध्यम की पाठ्य पुस्तकें मंगाई गई हैं। 

25 प्रतिशत किताबें विभाग के पासआ चुकी हैं
एक अप्रैल से नए सत्र की शुरुआत हो जाएगी। जिसके लिए जिले में बच्चों के लिए करीब 20 लाख किताबें आनी हैं। लेकिन, अभी तक कुल पांच लाख ही किताब यहां पहुंची है। यानि अभी भी 75 प्रतिशत किताबें आनी बाकी है। बीएसए ने बताया कि 75000 किताबों को बीआरसी भेज दिया गया है। बाकी पुस्तकों को सत्यापन के बाद बीआरसी भेज दिया जाएगा।

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