इंदौर मंदिर हादसा : कमलनाथ ने दी अवैध निर्माण न तोड़े जाने पर कोर्ट जाने की चेतावनी 

इंदौर मंदिर हादसा : कमलनाथ ने दी अवैध निर्माण न तोड़े जाने पर कोर्ट जाने की चेतावनी 

इंदौर। इंदौर में बावड़ी पर बने एक मंदिर का फर्श धंसने से 36 श्रद्धालुओं की मौत को अवैध निर्माण का परिणाम बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शनिवार को राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर हमला बोला। कमलनाथ ने कहा कि अगर सात दिनों के भीतर इस परिसर का अवैध निर्माण नहीं हटाया गया, तो कांग्रेस उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेगी।

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कमलनाथ ने हादसे में घायल लोगों का एक निजी अस्पताल में हाल-जाना और पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर का दौरा किया जहां यह घटना हुई थी। इस मंदिर में 30 मार्च को रामनवमी पर हवन के दौरान फर्श धंसने से 21 महिलाओं और दो बच्चों समेत 36 श्रद्धालुओं की बावड़ी में गिरने से मौत हो गई थी।

हादसे के बाद प्रशासन ने इस मंदिर के मुख्य द्वार और बावड़ी तक पहुंचने के मार्ग को लोहे की चादर लगाकर बंद कर दिया है। कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा,"यह हादसा बावड़ी पर अवैध निर्माण का परिणाम है जिससे इंदौर देश-दुनिया में कलंकित हुआ। अगर सात दिन के भीतर यह अवैध निर्माण नहीं हटाया गया, तो हम इसे हटवाने के लिए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे।"

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि इंदौर नगर निगम ने सत्तारूढ़ भाजपा के राजनीतिक दबाव के चलते बावड़ी के आस-पास अवैध निर्माण नहीं हटाया। उन्होंने कहा कि इंदौर को "स्मार्ट सिटी" कहा जाता है, लेकिन हादसे के बाद बावड़ी में गिरे लोगों को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन के पास जरूरी साधन तक नहीं थे।

कमलनाथ ने कहा कि हादसे के 12 घंटे बाद बचाव अभियान में मदद के लिए फौज बुलाई गई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे के अगले दिन शुक्रवार को घायलों का हाल-चाल जाना था और इसके बाद घटनास्थल का दौरा किया था। कमलनाथ ने दावा किया कि चौहान केवल औपचारिकता पूरी करने और "शोबाजी" के लिए आए थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के पास बैठकर उनका दुःख-दर्द नहीं बांटा। कमलनाथ ने कहा कि इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के सत्ता में आने पर राज्य के सार्वजनिक स्थलों का अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट का कानून बनाया जाएगा और बड़े शहरों में हादसों से निपटने के लिए त्वरित बचाव दल (रैपिड रेस्क्यू फोर्स) गठित किए जाएंगे। 

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