Banda की नई जिलाधिकारी बनी दुर्गा शक्ति नागपाल, SP सपा सरकार को बैकफुट में लाने वाली IAS को मिला बड़ा ईनाम

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Published By Nitesh Mishra
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बांदा की दुर्गा शक्ति नागपाल नई जिलाधिकारी बनी।

बांदा की दुर्गा शक्ति नागपाल नई जिलाधिकारी बनी। सपा सरकार को बैकफुट में लाने वाली आईएसएस को योगी सरकार ने ईनाम देते हुए डीएम बनाया है।

बांदा,अमृत विचार। तकरीबन तेरह साल पहले सपा सरकार को बैकफुट पर लाने वाली दुर्गा शक्ति नागपाल को योगी सरकार ने बड़ा ईनाम देते हुए बांदा का डीएम बनाया है। इससे पहले प्रदेश में वापस लौटने के बाद उन्हें योगी सरकार ने चिकित्सा शिक्षा विभाग में विशेष सचिव के रूप में तैनात किया था। करीब एक साल विभाग में रहने के बाद सरकार ने उन्हें बडी जिम्मेदारी दी है। उनका कहना है कि सबसे पहले वह सरकार की मंशा के अनुरूप उनकी योजनाओं को पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करेंगी। भ्रष्टाचार पर नकेल कसने को लेकर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।उन्होंने कहा जल्द ही कार्यभार ग्रहण करेंगी। निवर्तमान जिलाधिकारी दीपा रंजन मातृत्व अवकाश पर चली गई हैं।
 
आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल का जन्म प्रदेश के आगरा में 25 जून 1985 को हुआ था। शासन ने यूपी कैडर की आईएसएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को बांदा का नया जिलाधिकारी बनाया है। 2009 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल अपनी ईमानदारी के लिये जानी जाती हैं। मूल रूप से पंजाब कैडर की भारतीय प्रशासनिक अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने 2011 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी अभिषेक सिंह से शादी करके अपना स्थानान्तरण उत्तर प्रदेश में करा लिया था। उनकी पहली तैनाती सितम्बर 2012 के दौरान गौतम बुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में हुई जहां उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के पद पर तैनात किया गया।
 
आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल प्रदेश के नोएडा, कानपुर देहात, मथुरा सहित दिल्ली में कार्यरत रह चुकी हैं। ईमानदार छवि की दुर्गाशक्ति ने नोएडा में तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाकर कुछ ही समय में करोड़ों रुपये का राजस्व इकठ्ठा कर दिया था। बाद में मथुरा में बतौर सीडीओ पौधरोपण अभियान तहत लाखों पौधे लगाने में रिकार्ड कायम किया था। आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल गौतमबुद्ध नगर में तैनाती के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाई। साथ ही खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाने के बाद वह पूरे देश में चर्चा में आईं।
 
बाद में उन्हें तत्कालीन समाजवादी सरकार ने ग्रेटर नोएडा के एक गांव में एक अवैध मस्जिद की दीवार को कथित रूप से गिराने के मामले में निलंबित कर दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर न केवल राजनैतिक दल, नौकरशाह समेत आम जनता ने दुर्गा शक्ति के पक्ष में आकर निलंबन वापस लेने की मुहिम चलाई। बाद में सरकार ने 22 सितंबर 2013 को खूब किरकिरी कराने के बाद उनका निलंबन वापस ले लिया। 
 

दो साल पहले लेखन की दुनिया में रखा कदम 

वर्ष 2021 के अंत में उन्होंने लेखकों की दुनिया एक किताब लिखकर पहला कदम रखा था। ‘ग्रो योर बेबी नॉट वेट’ नाम की इस किताब में उन्होंने गर्भावस्था के अपने अनुभव को साक्षा किया था। उन्होंने अपने मातृत्व यात्रा का संग्रह किताब में लिखा। साथ ही संपूर्ण गर्भावस्था का एक विस्तृत खाका तैयार कर किताब में संजोया था। 
 

दो बेटियों की मां हैं आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल

दुर्गा शक्ति नागपाल की दो बेटियां दानिया शक्ति सिंह व दिगरा शक्ति सिंह हैं। उनके पति अभिषेक सिंह भी यूपी कैडर के आईएएस हैं। वह भी प्रशासनिक सेवा के साथ बॉलीबुड में काम कर रहे हैं। उनके अब तक तीन म्युजिक एलबम आ चुके हैं।
 

केंद्रीय कृषि मंत्री की ओएसडी भी रह चुकी दुर्गा शक्ति

वर्ष 2013-14 में नोएडा से उनका तबादला कानपुर देहात कर दिया गया। एक साल रहने के बाद वह मथुरा के सीडीओ बनी। इसके बाद उन्होंने जनवरी 2015 में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) के रूप में काम किया। 19 जुलाई 2019 से वह उप सचिव के रूप में वाणिज्य विभाग उद्योग मंत्रालय भारत सरकार में कार्यरत रहीं।

 

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