हल्द्वानी: जेल में नहीं सोने की जगह, लघु शंका के लिए भी जद्दोजहद
राज्य में कारागारों को बुरा हाल, कई जेलों में क्षमता से चार गुना बंदी और कैदी रहने को मजबूर, हल्द्वानी इनमें से एक
प्रदेश में सबसे बुरा हाल हल्द्वानी उपकारागार का, करीब 4 गुना संख्या, राज्य में 11 जेलों की क्षमता 3741 और रह रहे करीब 7 हजार
सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। राज्य के कारागार बंदियों और कैदियों से ओवरलोड हैं। जहां एक बंदी को मुश्किल से सोने की जगह मिलती है, वहां तीन से चार लोगों को सोना पड़ रहा है। आलम यह है कि कारागार में दीर्घ और लघु शंका के साथ स्नान के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ती है और यही जद्दोजहद कई मर्तबा मारपीट का रूप ले लेती है।
राज्य के कुल 11 कारागारों में सबसे बुरा हाल हल्द्वानी उपकारागार का है। इस कारागार की कुल क्षमता तो महज 535 की है, लेकिन यहां 17-18 सौ से कम बंदी और कैदी कभी नहीं होते। ऐसे में अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है कि यहां का दैनिक जीवन कितनी दुश्वारियों से घिरा है।
पूरे प्रदेश के कारागारों की बात करें तो आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं। मौजूदा वक्त में प्रदेश की 11 जेलों में 2145 कैदी हैं यानी यह संख्या सजायाफ्ता की है, जिन्हें अपना सजा का समय जेल में ही काटना होगा। जबकि 4773 बंदी हैं। इन बंदियों पर अभी आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। अपराध की गंभीरता को देखते हुए इनमें से कई को जमानत भी मिल सकती है, लेकिन तब तक तो इन्हें भी जेल में ही दिन गुजारने होंगे।
खास बात यह है कि राज्य के कारागारों में कैदियों और बंदियों को रखने की क्षमता 3741 है, लेकिन यहां 6918 लोगों को रखा गया है। हल्द्वानी उप कारागार की बात की जाए तो यहां की क्षमता 535 बंदियों और कैदियों को रखने की है, लेकिन यहां आज भी 17 सौ से अधिक कैदी और बंदी बंद है।
एक अनुमान के मुताबिक हल्द्वानी उप कारागार में मौजूदा वक्त में करीब पौने 2 सौ कैदी और 16 सौ से अधिक बंदी है। यानि क्षमता से तीन गुना अधिक बंदी और कैदी यहां कैद है। इससे थोड़ा कम, लेकिन देहरादून जेल का हाल हल्द्वानी जेल से जुदा नहीं है। जेलों के ओवरलोड होने की वजह से यहां अकसर विवाद होते हैं। कुछ तो जेल के भीतर ही सुलझा लिए जाते हैं, लेकिन गंभीर मामले अस्पतालों तक पहुंच जाते हैं।
- वर्ष 2023 फरवरी में एक बंदी ने पूड़ी के लिए एसआई को थप्पड़ जड़ दिया था।
- वर्ष 2023 फरवरी में एक कैदी और सिपाही ने मिलकर बंदी को पीट दिया।
- 1 फरवरी 2023 को एक बंदी और सुरक्षा प्रभारी के बीच खाने को लेकर मारपीट हुई।
- वर्ष 2020 में हल्द्वानी जेल में दो गुटों की भिड़ंत में एक कैदी की मौत हो गई थी।
- अल्मोड़ा जेल में कैदी को पीटा और मोबाइल से बनाया गया वीडियो
हल्द्वानी कारागार में बनेंगी दो बैरकें, एक बनकर तैयार
हल्द्वानी : हल्द्वानी उप कारागार में एक नई बैरक बना दी गई है, जबकि दो अन्य के बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे उप कारागार के बंदियों और कैदियों को कुछ हद तक राहत मिलेगी। बता दें कि बंदी और कैदियों की संख्या को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है था कि इससे जेल के अंदर कई तरह का खतरा पैदा हो सकता है। इसको लेकर जेल प्रशासन की ओर से आईजी जेल को पत्र लिखकर बैरक बनवाने की बात कही गई थी। इस पर अनुमति मिलने के बाद एक बैरक का निर्माण पूरा हो गया है। जबकि अन्य दो बैरकों को भी जल्द बनाए जाने की बात कही जा रही है।
ये हैं प्रदेश की प्रमुख पांच जेल
जेल का नाम क्षमता कैदी बंदी कुल
हल्द्वानी 535 182 1610 1792
देहरादून 580 390 1073 1463
हरिद्वार 888 619 672 1291
सितारंगज 552 597 14 611
रुड़की 244 30 558 588
अल्मोड़ा 102 98 273 371
टिहरी 150 68 168 236
नैनीताल 71 14 189 230
पौड़ी 150 58 131 189
चमोली 169 140 कैदी व बंदी
सितारंगज 300 34
राज्य के अधिकांश कारागारों कैदी और बंदी क्षमता से अधिक है। कारागारों से इस भार को कम करने के लिए राज्य के कुछ जिलों में कारागार का निर्माण चल रहा है। जिसमें किच्छा, पिथौरागढ़ और रुद्रपुर शामिल हैं। पिथौरागढ़ में निर्माण का लगभग काम पूर्ण हो चुका है। कुछ कारागारों में बैरकों का निर्माण भी कराया जा रहा है। बंदी और कैदियों की संख्या घटने पर तमाम दिक्कतें दूर हो जाएंगी।
- विमला गुंज्याल, आईजी जेल।
