अयोध्या : परीक्षा में कम अंक आने से छात्रों के जीवन में सफलता और असफलता का मूल्यांकन न करें

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, अयोध्या । बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। अभी हाल ही में यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का परिणाम आया है, जिसमें जनपद के 20 से भी अधिक विद्यार्थियों ने प्रदेश में परचम लहराया है। कुछ विद्यार्थी ऐसे भी हैं जो फेल हो गए या फिर मेहनत के हिसाब से परिणाम नहीं आया। उन्हें परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। अमृत विचार ने ऐसे ही विद्यार्थियों व उनके माता-पिता की परेशानी को लेकर जिले के कुछ प्रतिष्ठित लोगों से बात की। सभी ने एक स्वर में कहा है कि फेल और कम अंक वाले भी आईएएस, आईपीएस बनते हैं। साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी बड़ी सफलता और उपलब्धियां हासिल करते हैं।

लक्ष्य निर्धारित कर कठिन परिश्रम करें विद्यार्थी

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परमहंस शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक व निवर्तमान मेयर ऋषिकेश उपाध्याय कहते हैं कि जिस तरह खिलाड़ी खेल में हार जाता है तो दोबारा कठिन परिश्रम कर मैदान में उतरता है और विजय हासिल करता है उसी तरह परीक्षा में मिली असफलता को ध्यान में रखकर छात्र छात्राओं को लक्ष्य निर्धारित कर कठिन परिश्रम करना चाहिए, जिससे वे सफल होकर ऊंचाइयों तक पहुंच सकें।  परीक्षा में कम अंक आने से छात्रों के जीवन में सफलता और असफलता का मूल्यांकन नहीं करना चाहिए। आप भी वह कर सकते हैं जो सर्वोच्च अंक पाने वाले छात्रों ने किया है।

फेलियर इज द पिलर ऑफ सक्सेज

डीएसपी शैलेंद्र सिंह का कहना है कि लक्ष्य के प्रति विद्यार्थी को दृढ़ होना चाहिए। सफलता, असफलता समय काल परिस्थितियों पर निर्भर करती है। जीवन में सफल वही होता है जो असफलताओं से सीख लेते हुए अपने लक्ष्य के प्रति संकल्पित रहता है। जीवन में उसको सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने फेलियर इज द पिलर ऑफ सक्सेज का उदाहरण देते हुए कहा कि जीवन में बहुत कुछ चीजें हमें असफलता ही सिखाती है। असफल बच्चों के माता-पिता और शिक्षकों को उन्हें उत्साहित करना चाहिए। 

फेल होने का मतलब यह नहीं कि जीवन में फेल हो गए

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जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. शिशिर वर्मा ने कहा कि फेल या कम नंबर पाने वाले विद्यार्थी निराश न हों, बल्कि और मेहनत करें आगे की परीक्षाओं के लिए। परीक्षा में फेल होने का मतलब जीवन में फेल होना नहीं है। माता-पिता और परिवार बच्चों को प्रताड़ित न करें बल्कि उन्हें मोटिवेट करें। बच्चों को समझाएं की बेटा मेहनत करो अगली बार जरूर अच्छा नंबर मिलेगा। ऐसे बच्चे वो तमाम एक्टिविटी करें जो उन्हें अच्छी लगती हों। परेशान होने की जरूरत नहीं इस बार अगर दो घंटे पढ़ाई की है तो अब चार घंटे पढ़ाई कर अच्छे नंबर ला सकते हैं।

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