World Press Freedom Day 2023 : जज्बे को सलाम...जेल में बंद तीन ईरानी महिला पत्रकारों ने जीता संयुक्त राष्ट्र का शीर्ष पुरस्कार
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार रात घोषणा की कि प्रेस स्वतंत्रता के लिए उसका प्रमुख पुरस्कार 'सच्चाई और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता के लिए' जेल में बंद तीन ईरानी महिला पत्रकारों को प्रदान किया जाता है। पुरस्कार विजेताओं में नीलोफर हमीदी, एलाहेह मोहम्मदी और नरगिस मोहम्मदी शामिल हैं। नीलोफर ने एक खबर के जरिए 22 वर्षीय महसा अमीनी के बारे में लोगों को अवगत कराया था, जिनकी पिछले साल सितंबर में मृत्यु हो गई थी। अमीनी को ठीक से हेडस्कार्फ न पहनने के लिए नैतिकता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। एलाहेह ने अमीनी के अंतिम संस्कार के बारे में लिखा था।
अमीनी की मौत ने ईरान के शहरों में महीनों से चल रहे विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत कर दी। 2009 के हरित आंदोलन के विरोध प्रदर्शनों के बाद से इस्लामिक गणराज्य को अमीनी की मौत के विरोध में प्रदर्शनों की भीषण चुनौती का सामना करना पड़ा जब कई लोग सड़कों पर उतर आये थे। तीसरी विजेता नरगिस मोहम्मदी ने एक पत्रकार के रूप में कई वर्षों तक काम किया और ईरान की सबसे प्रमुख कार्यकर्ताओं में से एक हैं। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन विश्व प्रेस स्वतंत्रता पुरस्कार के लिए गिलर्मो कैनो को चुना गया है, जो एक कोलम्बियाई पत्रकार थे। कैनो की 17 दिसंबर, 1986 को बोगोटा में उनके अखबार एल एस्पेक्टाडोर के कार्यालय के सामने हत्या कर दी गई थी। यूनेस्को ने 1997 से तीन मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुरस्कार प्रदान करना शुरू किया।
🔴 BREAKING!
— UNESCO 🏛️ #Education #Sciences #Culture 🇺🇳 (@UNESCO) May 3, 2023
Niloofar Hamedi, Elaheh Mohammadi and Narges Mohammadi, three imprisoned Iranian women journalists, have been named laureates of the 2023 @UNESCO/ Guillermo Cano World #PressFreedom Prize.https://t.co/2ghjvTR8iy #WorldPressFreedomDay pic.twitter.com/Vhsgea1RG5
यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने न्यूयॉर्क में एक समारोह में विजेताओं की घोषणा करते हुए कहा, अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी है कि उन सभी महिला पत्रकारों का समर्थन किया जाए जिन्हें अपना काम करने से रोका जाता है और जिन्हें खतरों और हमलों का सामना करना पड़ता है। विजेताओं का चयन करने वाली मीडिया पेशेवरों के अंतरराष्ट्रीय जूरी की अध्यक्ष जैनब साल्बी ने कहा कि तीन विजेताओं के बहादुर काम ने एक ऐतिहासिक महिला क्रांति का नेतृत्व किया। साल्बी ने कहा, उन्होंने खबर लिखने और सच्चाई बताने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए भारी कीमत चुकाई। उन्होंने कहा, और उसके लिए हम उनका सम्मान करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि जब तक वे सुरक्षित और मुक्त नहीं हो जातीं, तब तक दुनियाभर में उनकी आवाज़ें गूंजती रहेंगी।”
ईरान की न्यायपालिका ने अप्रैल के अंत में अमीनी की मौत की खबर देने वाली पत्रकारों (हमीदी और इलाहेह) को अमेरिका के साथ सहयोग करने, राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ काम करने और “देश के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने” का आरोपी ठहराया था। अमीनी की मौत के महीनों बाद तक चली सुरक्षा बलों की कार्रवाई और पत्रकारों की गिरफ्तारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई आलोचनाओं को जन्म दिया। यूनेस्कों के अनुसार, हमीदी और मोहम्मदी दोनों सितंबर से ईरान की एविन जेल में हैं और हमीदी एकान्त कारावास में हैं। नरगिस मोहम्मदी को अधिकारियों द्वारा बार-बार हिरासत में लिया गया और कैद किया गया।
यूनेस्को ने कहा कि वह वर्तमान में एविन जेल में 16 साल कारावास की सजा काट रही हैं। नरगिस ने अपने काम के जरिए विदेशों में पहचान हासिल की। उनके कामों में ईरान में मृत्युदंड के खिलाफ लिखना भी शामिल है। मृत्युदंड के मामले ईरान में सर्वाधिक होते हैं। यूनेस्को ने कहा कि नरगिस तेहरान स्थित नागरिक समाज संगठन 'डिफेंडर्स ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर' की उप निदेशक हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा कि उन्होंने जेल से लोगों तक खबरें पहुंचाना जारी रखा और अन्य महिला कैदियों का साक्षात्कार लिया, जो उनकी पुस्तक 'व्हाइट टॉर्चर' में शामिल है।
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