असम ने किया श्रीमंत शंकरदेव ‘पीठ’ के लिए जेएनयू के साथ समझौता 

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Published By Om Parkash chaubey
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गुवाहाटी। असम सरकार ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जूएनयू) में मध्यकालीन युग के संत श्रीमंत शंकरदेव के नाम पर एक पीठ की स्थापना के लिए जेएनयू प्रबंधन के साथ समझौता किया है। यह पीठ नयी दिल्ली स्थित जेएनयू के संस्कृत एवं प्राच्यविद्या अध्ययन संस्थान में स्थापित की जाएगी।

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इस बाबत असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और जेएनयू के कुलपति संतश्री धूलिपुडी पंडित की उपस्थिति में बृहस्पतिवार को यहां एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। शर्मा ने कहा, “यह महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के शाश्वत आदर्शों को बढ़ावा देने और उनका प्रचार-प्रसार करने के लिए असम सरकार द्वारा की गई एक पहल है।” उन्होंने कहा कि एमओयू का मकसद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संदर्भों में महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के भक्ति आंदोलन पर चर्चा और शोध को बढ़ावा देना है।

यह पहल समकालीन भारतीय समाज में महान संत एवं दार्शनिक श्रीमंत शंकरदेव और उनके वैष्णव आंदोलन की स्थायी प्रासंगिकता पर अध्ययन को भी बढ़ावा देगी। श्रीमंत शंकरदेव एक असमिया संत-विद्वान, सामाजिक-धार्मिक सुधारक, कवि और नाटककार थे, जो असम के 15वीं-16वीं शताब्दी के सांस्कृतिक एवं धार्मिक इतिहास में विशेष स्थान रखते हैं।

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