अयोध्या, काशी और मथुरा की तरह बरेली को मिलेगी नाथ नगरी कॉरिडोर से नई पहचान

अयोध्या, काशी और मथुरा की तरह बरेली को मिलेगी नाथ नगरी कॉरिडोर से नई पहचान

बरेली, अमृत विचार। अयोध्या, काशी और मथुरा की तरह बरेली में भी नाथ नगरी कॉरिडोर बनाया जायेगा। इससे पर्यटन के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नाथ नगरी कारीडोर बनाया जा रहा है। बरेली के नाथ मंदिरों को जोड़ते हुए 36 किलोमीटर लंबा टूरिज्म सर्किट बनाया जाएगा।

ये है नाथ नगरी कॉरिडोर
शहर में स्थित सात प्राचीन नाथ मंदिरों अलखनाथ, मढ़ीनाथ, तपेश्वर नाथ, धोपेश्वर नाथ, पशुपति नाथ, वनखंडी नाथ, त्रिवटी नाथ को आपस में जोड़ते हुए नाथ नगरी कॉरिडोर का निर्माण होगा। इसके अंतर्गत आने वाले प्रमुख चौराहों का विकास करने के साथ नाथ मंदिरों का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा।

ये होंगी सुविधा
टूरिज्म सर्किट में मंदिरों की परिक्रमा के लिए मिनी इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। जिनके जरिए श्रद्धालु सातों नाथ मंदिरों की परिक्रमा कर सकेंगे। मंदिर को आने जाने वाले रास्ते पर शानदार फर्राटा भरने वाली चमचमाती सड़कें बनाई जाएंगी। मंदिर के आस-पास पिंक टॉयलेट्स बनेंगे, पार्किंग बनाई जाएगी। महाभारत कालीन बरेली के नाथ मंदिरों के इतिहास उनकी आध्यात्मिक सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हुए साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। नाथ शिव मंदिरों की दैवीय आभा से स्थानीय और विदेशी पर्यटक भी आकर्षित होंगे। इससे एक और आध्यात्मिक पर्यटन बढ़ेगा। वहीं दूसरी ओर रोजगार के अवसर भी तेजी से विकसित होंगे।

नाथ नगरी के मुख्य सात प्राचीन शिव मंदिर हैं। नाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए बाहर से भक्त आते हैं। अलखनाथ मंदिर किला उत्तर दिशा में है। मढ़ीनाथ दक्षिण, धोपेश्वर नाथ मंदिर कैंट पूरब में, बनखंडी नाथ पश्चिम में है। इसके अतिरिक्त प्रेमनगर में त्रिवटी नाथ मंदिर शहर के मध्य में, तपेश्वर नाथ मंदिर सुभाषनगर, गोपाला सिद्ध मंदिर क्यारा ब्लॉक में स्थित है। 

पीलीभीत बाईपास पर रुहेलखंड विश्वविद्यालय के पास पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की तर्ज पर विकसित किया गया है। अलखनाथ मंदिर का इतिहास 930 साल से ज्यादा पुराना है। वनखंडी नाथ मंदिर का निर्माण द्वापर युग में माना जाता है। धोपेश्वर नाथ मंदिर त्रेतायुग में और मढ़ीनाथ मंदिर की स्थापना महाभारत कालीन 5000 वर्ष से पुरानी मानी जाती है। इसकी स्थापना पांडवों ने वनवास के दौरान की थी। इन सभी नाथ मंदिरों को जोड़ते हुए यहां मोटर वाहन, सड़क कनेक्टिविटी, साइकिल पथ वे एवं हेरिटेज वॉक प्रस्तावित किए गए हैं। इसके अलावा साइन बोर्ड, सिगनेचर गेट, लाइट एंड साउंड के शो भी प्रस्तावित किए जाएंगे। संबंधित विभागों एवं प्रमुख अधिकारियों की बैठक आयोजित कर नाथ नगरी कॉरिडोर योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है।

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