जातिगत सर्वे को लेकर सरकार की आलोचना पर नीतीश कुमार ने की भाजपा की आलोचना
दरभंगा (बिहार)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बहुप्रचारित जाति सर्वेक्षण की राह में रोड़े अटकाने को लेकर विपक्षी भाजपा की आलोचना की। उन्होंने हालांकि इस सर्वेक्षण पर रोक के पटना उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली प्रदेश सरकार की याचिका पर शीर्ष अदालत द्वारा अंतरिम राहत न दिए जाने पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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संवाददाताओं ने जब उच्चतम न्यायालय द्वारा बृहस्पतिवार को पारित आदेश पर नीतीश की प्रतिक्रिया लेनी चाही तो उन्होंने कहा, “यह उचित नहीं होगा”। उन्होंने कहा कि कानूनी विशेषज्ञ मामले का अध्ययन कर रहे हैं और बिहार सरकार उनकी सलाह पर आगे कदम उठाएगी। जल संसाधन विभाग की कुछ परियोजनाओं को शुरू करने के लिये दरभंगा पहुंचे जद(यू) प्रमुख का ध्यान जब गतिरोध को लेकर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के बयान पर दिलाया गया तो वह नाराज हो गए।
पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जाति सर्वेक्षण को लेकर मौजूदा स्थित के लिये पूरी तरह नीतीश कुमार सरकार को दोषी ठहराया। भाजपा नेता ने यह भी मांग की थी कि कानून के माध्यम से जाति सर्वेक्षण के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए, जिसके बाद राज्य विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया जाए। कुमार ने कहा, “मुझे समझ नहीं आता कि आजकल वह ऐसी चीजें क्यों बोलते रहते हैं।”
सुशील कुमार मोदी से उनकी दोस्ती छिपी नहीं है। उन्होंने पूछा, “उनकी पार्टी (भाजपा) सरकार में थी जब सर्वेक्षण का आदेश दिया गया था। उन्होंने या उनकी पार्टी ने कानून के लिए दबाव क्यों नहीं डाला अगर वे इतने आश्वस्त थे कि यह आवश्यक था?” कुमार ने एक साल पहले भाजपा से नाता तोड़ लिया था और राजद और कांग्रेस के साथ फिर से गठबंधन कर लिया था। उन्होंने कहा कि सर्वे कराने का फैसला सर्वदलीय बैठक में लिया गया।
कुमार ने कहा, “यह तब लिया गया जब केंद्र ने जाति सर्वेक्षण के हमारे अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। इससे पहले, जाति जनगणना के समर्थन में राज्य विधानमंडल द्वारा दो सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किए गए थे।”
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कुमार ने पुष्टि की कि वह सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली नई कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए शनिवार को बेंगलुरु जाएंगे। उन्होंने कहा, “मुझे कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खरगे) ने आमंत्रित किया है। यह (कर्नाटक विधानसभा चुनाव) एक महत्वपूर्ण चुनाव था। साथ ही, मेरी उनसे (सिद्धरमैया) पुरानी दोस्ती है। मैं कल जाऊंगा।”
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