लखनऊ : एलडीए ने ध्वस्त किया बहुमंजिला काॅम्पलेक्स

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, लखनऊ । लखनऊ विकास प्राधिकरण का चिनहट में बुलडोजर गरजा। जहां बिना मानचित्र के बनाया गया बहुमंजिला कॉम्पलेक्स ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई विहित न्यायालय के आदेश पर की गई है। जहां भवन स्वामी उपस्थित नहीं हुए थे।

शुक्रवार को जोन-5 में जोनल अधिकारी श्रद्धा चौधरी के आदेश पर कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि चिनहट के देवा रोड पर अजय कुमार पांडेय व अन्य बिल्डर द्वारा करीब 232 वर्गमीटर क्षेत्रफल में शाॅपिंग काॅम्पलेक्स तीन मंजिल तक बनाया गया था। जिसका मानचित्र प्राधिकरण से स्वीकृत नहीं कराया गया था। यह मामला विहित न्यायालय में चल रहा था। न्यायालय के कई बार अवसर देने के बाद भी भवन स्वामी सुनवाई पर उपस्थित नहीं हुए, न ही साक्ष्य प्रस्तुत किए। इस पर न्यायालय के आदेश का पालन कराते हुए टीम ने पुलिस बल के साथ कॉम्पलेक्स बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया, साथ ही भवन स्वामी को दोबारा निर्माण करने पर चेतावनी दी है। कार्रवाई के दौरान सहायक अभियंता एनएन चौबे, अभियंता राजीव कुमार श्रीवास्तव व विपिन बिहारी राय मौजूद रहे।

तीसरे दिन भी ध्वस्त किया काॅलोनी निर्माण

शुक्रवार को पीजीआई थाना क्षेत्र के अंतर्गत नगराम रोड पर एलडीए का अभियान चला। यहां के मोहिउद्दीनपुर गांव में 55 बीघा जमीन पर कालोनी विकसित करने के लिए काफी तदाद में निर्माण किया गया था। जाे जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी के नेतृत्व में तीसरे दिन भी अभियंता और पुलिस बल के साथ बुलडाेजर से ध्वसत किया गया। बिना मानचित्र प्लाटिंग कर प्रापर्टी डीलर बृजेश वर्मा, रवि सिंह एवं गोपाल वर्मा द्वारा कालोनी विकसित की जा रही थी। जो पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया।

गोमती नगर में दो व्यवसायिक निर्माण सील

गोमती नगर जोन-1 में अभियान चलाया गया। जहां बिना मानचित्र के दो व्यवसायिक भवन निर्माण करने पर सील कर दिए गए। शुक्रवार को जोनल अधिकारी प्रिया सिंह के नेतृत्व में टीम विपुल खंड पहुंची। प्रिया ने बताया कि यहां सूफियान सिद्दीकी व अन्य बिल्डर द्वारा 450 वर्गमीटर क्षेत्रफल में स्वीकृत आवासीय भवन मानचित्र के विपरीत व्यवसायिक उपयोग के लिए भवन बनाया जा रहा था। जिसका बेसमेंट, भूतल व प्रथम तल आदि बना लिया गया था। जो सील कर दिया। इसके अतिरिक्त विराम खंड में लगभग 115.50 वर्गमीटर क्षेत्रफल में स्वीकृत मानचित्र के विपरीत सेटबैक कवर्ड करते हुए व्यवयायिक भवन का निर्माण करते पाया। यह भवन भी सील कर दिया। दोनों प्रकरण में नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद भी निर्माण नहीं रोका गया।

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