बरेली: मुख्यमंत्री तक सरकारी भूमि पर कब्जे की शिकायतें, कार्रवाई में फाइलों में दबाईं

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। सरकारी भूमि पर कब्जे की शिकायतें मुख्यमंत्री तक पहुंच रही हैं। 1 मई से 20 मई तक जिलेभर से 70 ऐसी शिकायतें मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गईं, जिसमें शिकायतकर्ताओं ने लिखा है कि भू-माफिया समेत अन्य लोगों ने सार्वजनिक भूमि जैसे तालाब, खलिहान, श्मशान, खेल का मैदान, ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा किया है, लेकिन सिस्टम सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों पर इस कदर मेहरबान है कि इन मामलों में अभी तक कार्रवाई नहीं की है।

20 मई की आईजीआरएस की रिपोर्ट से मालूम हुआ कि एक दो मामले आंशिक रूप से निस्तारित करने की बात दर्ज की गई है। अन्य सभी मामले लंबित हैं। इसका सीधा मतलब है कि सरकारी भूमि पर कब्जा होने के मामलों की फाइलें तहसीलों के पास कैद हो गईं। आईजीआरएस पर राजस्व एवं आपदा विभाग को लेकर दर्ज हुई शिकायतों के अनुसार 35 शिकायतें भूमाफिया का कब्जा, 26 शिकायतें सार्वजनिक भूमि पर कब्जे, 13 ग्राम समाज की भूमि पर कब्जे के अलावा 24 शिकायतें रास्ता-चकरोड के विवाद आदि की शामिल हैं।

निकाय चुनाव की वजह से घट गईं शिकायतें
मई माह में निकाय चुनाव होने की वजह से ज्यादा लोगों ने आईजीआरएस पर भी शिकायतें दर्ज नहीं कराईं। 1 मई से 20 मई तक मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, मुख्यमंत्री ऑनलाइन समेत अन्य संदर्भ में 2999 शिकायतें दर्ज कराई गईं। इनके अलावा 259 शिकायतें सीएम और पीएम के संदर्भित दर्ज हुईं हैं। इसमें सर्वाधिक शिकायतें ग्राम्य विकास विभाग से जुड़ी हुई हैं। इसमें 433 दर्ज कराई गई। 362 शिकायतें नगर विकास और नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन से संबंधित दर्ज हुई हैं।

अप्रैल माह की जारी नहीं हुई थी रैंकिंग, मई माह में भी संशय
आईजीआरएस की रैंकिंग अप्रैल माह की जारी नहीं हुई। अप्रैल माह में भी 6000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई थीं। इसमें 100 से अधिक शिकायतें सरकारी भूमि पर कब्जा करने की थीं। नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल बजने की वजह से शासन स्तर से अप्रैल माह की रैंकिंग जारी नहीं हुई थी। मई में रैंकिंग आनी थी लेकिन आचार संहिता लागू होने, आईजीआरएस में हुए बदलाव की वजह से रैंकिंग जारी नहीं करने की बात सामने आई थी। 

कलेक्ट्रेट के कई अधिकारी यहां तक कह रहे हैं कि 13 मई तक निकाय चुनाव संपन्न हुए हैं, इसलिए मई माह की रैंकिंग भी जारी होना मुश्किल लग रहा है। हालांकि इस संबंध में शासन स्तर से कोई भी संदेश अफसरों तक नहीं पहुंचा है। दो दिन पहले जिलाधिकारी ने आईजीआरएस शिकायतों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए अफसरों को निर्देश दिए थे।

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