टैटू हटाने की शर्त पर बीएसएफ में चयनित अभ्यर्थी की उम्मीदवारी पर विचार करने का निर्देश : इलाहाबाद हाईकोर्ट

टैटू हटाने की शर्त पर बीएसएफ में चयनित अभ्यर्थी की उम्मीदवारी पर विचार करने का निर्देश : इलाहाबाद हाईकोर्ट

अमृत विचार, प्रयागराज । सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में हेड कांस्टेबल के पद पर चयनित अभ्यर्थी को राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को उसकी उम्मीदवारी पर विचार करने का निर्देश दिया है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की एकल पीठ ने विहान की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

दरअसल याची युवक ने वर्ष 2018 की बीएसएफ हेड कांस्टेबल (रेडियो ऑपरेटर) की परीक्षा पास की। इसके बाद द्वितीय स्तर में डॉक्यूमेंटेशन, पीएसटी और पीईटी में भी वह सफल रहा, लेकिन मेडिकल टेस्ट में उसे बांह पर बने एक टैटू के कारण अनफिट मान लिया गया। युवक ने राहत पाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। युवक के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि अगर याची को मौका मिलेगा तो वह टैटू हटा देगा। इसके बाद उसकी मेडिकल रिव्यू जांच फिर से की जा सकती है।

याचिका का विरोध करते हुए केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि नौकरी से रिजेक्ट करने के जो नियम और कानून भारतीय सेना के हैं, वही बीएसएफ के भी हैं। इन नियमों के मुताबिक अगर किसी के शरीर पर टैटू है तो उसे नौकरी के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। सभी तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने अंत में निष्कर्ष निकाला कि अगर युवक टैटू हटा देता है तो केंद्र को उसके आवेदन पर विचार करना होगा। इस विशेष दिव्यांगता को मिनिस्ट्रिल पोस्ट पर चयन के लिए बाधा नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर युवक स्थाई रूप से विकलांग है तो उस पर विचार नहीं किया जा सकता है। उसकी विकलांगता की जांच रिव्यू मेडिकल बोर्ड दो महीने के भीतर पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करे।

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