स्कूली बच्चों के शोषण पर योगी सरकार सख्त, जारी की गाइडलाइंस

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों के शारीरिक व मानसिक शोषण एवं यौन उत्पीड़न संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए तय गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के खिलाफ होने वाली घटनाओं के संबंध में 2015 में एक विस्तृत गाइडलाइंस तैयार की गई थी।

अब योगी सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों से इस गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने को कहा है। राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि समस्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गाइडलाइंस का पालन किया जाए।

साथ ही सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, स्टाफ, वार्डेन एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भी इन गाइडलाइंस का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं। गाइडलाइंस जारी करने का उद्देश्य प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा संरक्षित करने तथा बाल अपराध एवं असंवैधानिक कृतियों की रोकथाम और स्कूल जाने वाले बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न से रक्षा करना है। साथ ही इसमें शैक्षणिक संस्थानों का उत्तरदायित्व भी निर्धारित किया गया है।

गाइडलाइंस में कहा गया है कि प्रत्येक विद्यालय प्रबंधतंत्र/स्कूल मैनेजमेंट कमेटी एवं प्रधानाचार्यो का यह दायित्व है कि विद्यालय परिसर में या विद्यालय आते-जाते अथवा विद्यालय से बाहर फील्ड विजिट में इस प्रकार का वातावरण तैयार करें जो बच्चों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करे और छात्र/छात्राओं का किसी प्रकार का शारीरिक/मानसिक एवं यौन शोषण न हो।

इसमें विद्यालय प्रांगण को सुरक्षित बनाने के लिए भी कई तरह के उपाय बताए गए हैं। इसमें स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम के साथ ही ड्राइवर व हेल्पर के वेरिफिकेशन की अनिवार्यता रखी गई है। साथ ही बस के अंदर चाइल्ड हेल्पलाइन और वूमेन हेल्पलाइन नंबर तथा पुलिस स्टेशन का नंबर लिखा होना चाहिए।

प्रत्येक बस में दो टीचर की इस प्रकार व्यवस्था होनी चाहिए जो बच्चों के साथ स्कूल में बस से आवागमन करेंगे। इसके अलावा शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का व्यवहार संतुलित हो, इस संबंध में भी व्याख्या की गई है। बच्चों में परस्पर समन्वय एवं जागरूकता के लिए अभियान चलाने के भी निर्देश हैं, जबकि विभिन्न संस्थाओं की मदद लेने और अन्य उपायों की जानकारी दी गई है।

ये भी पढ़ें - लखनऊ : 30 मई को होगी भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा कार्यसमिति की बैठक

संबंधित समाचार